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समाज में डिजिटल खाई को पाटा जाये

लखनऊ | एजेंसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बदलते हुए परिवेश में समाज में व्याप्त डिजिटल खाई को पाटने का प्रयास किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि इससे सभी नौजवानों को ज्ञान के आधुनिक तौर-तरीकों का लाभ मिल सके.

लैपटॉप को समाजवादी व्यवस्था का सबसे बेहतरीन उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बांटे गए नि:शुल्क लैपटॉप का लाभ गांव के गरीब एवं किसान के बच्चों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि उनके दल के बारे में अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर विरोधी होने की बात कही जाती थी, जबकि सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर लैपटॉप वितरित करके समाजवाद को बढ़ावा दिया.

मुख्यमंत्री रविवार को यहां रामाधीन उत्सव भवन में ‘सेवा’ संस्था द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चिन्तन शिविर के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि समाजवादियों की कथनी और करनी में अंतर नहीं होता.

महात्मा गांधी का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा कि समाज को बदलने के पहले अपने भीतर बदलाव लाना जरूरी है. महात्मा गांधी को दुनिया में आदर एवं सम्मान के साथ देखा जाता है. आइंस्टाईन जैसा वैज्ञानिक भी महात्मा गांधी का कायल था. उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त विभिन्न बुराइयों से संघर्ष के लिए महात्मा गांधी के विचारों को अपनाकर सद्भावना, भाईचारा एवं धर्म निरपेक्षता के लिए काम करना होगा.

यादव ने कहा कि समाज को परिवर्तित करने और आगे बढ़ाने में शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए सरकार प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और शत-प्रतिशत लोगों को शिक्षा की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गो के सहयोग से प्रदेश के विकास के लिए गम्भीरता से काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारत को अक्सर बड़ा बाजार होने की बात कही जाती है, इस प्रकार उत्तर प्रदेश भारत में एक बड़ा बाजार है. इसलिए इसके विकास की उपेक्षा किसी भी स्तर पर नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने विकसित देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे देशों ने बिना किसी भेदभाव के बुनियादी एवं सामाजिक सेवाओं का विकास किया है.

उन्होंने गंगा को सोशलिस्ट नदी बताते हुए कहा कि इसके किनारे बसे सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के इसका लाभ मिलता है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मण्डल कमीशन रिपोर्ट-वी.पी. मण्डल तथा कृष्ण कर्मायन नामक दो पुस्तकों का विमोचन भी किया.

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