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फीफा का स्टार ‘ब्राजुका’

नई दिल्ली | खेल डेस्क: फीफा विश्व कप का एक खास आकर्षण इसमें इस्तेमाल होने वाला गेंद होता है. किसी भी विश्व कप से पहले फुटबाल प्रेमियों के लिए हर बार यह चर्चा का विषय रहता है कि इस बार कौन सी विशेष गेंद का उपयोग होगा.

इसकी शुरुआत 1970 के विश्व कप से हुई जब पहली बार एडिडास कंपनी द्वारा डिजाइन की गई विशेष गेंद का इस्तेमाल फुटबाल के महाकुंभ में हुआ. यह सिलसिला अब भी जारी है. यही कारण है कि एडिडास द्वारा निर्मित गेंदों का विश्व कप में एक विशेष स्थान रहा है.

इस बार ब्राजील विश्व कप के लिए एडिडास कंपनी द्वारा निर्मित गेंद को ‘ब्राजुका’ नाम दिया गया है जिसे 3 दिसंबर, 2013 को लांच किया गया. ब्राजुका का स्थानीय भाषा में अर्थ होता है ‘ब्राजीलियाई जीवन’.

रंग-बिरंगी धारियों वाली ब्राजुका देखने में बेहद आकर्षक है. एडिडास कंपनी को इसे तैयार करने में ढाई साल से भी ज्यादा समय लगा. यही नहीं, दुनिया के करीब 600 बेहतरीन फुटबाल खिलाड़ियों ने लांच होने से पहले इसे आजमाया और तब जाकर इसे स्वीकृति दी गई.

इसे आजमाने वालों में इकेर कासिलास, डानी एल्वेस, लियोनेल मेसी, जिनेदिन जिदान जैसे खिलाड़ी शामिल रहे. इसके अलावा तीन महादेशों में 10 देशों के 30 विभिन्न टीमों ने भी इसको परखा.

ब्राजुका का रंग और इसकी धारियों वाली बनावट ब्राजील में पहने जाने वाले एक विशेष प्रकार के रंग-बिरंगे ‘विश ब्रेसलेट’ का प्रतीक है. जानकारों का मानना है कि यह गेंद पकड़ने में आसान है तथा हवा में गेंद की तेजी भी पहले से बेहतर है.

इससे पहले 2010 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप में ‘एडिडास जाबुलानी’ गेंद का इस्तेमाल किया गया था. इस गेंद के डिजाइन की विश्व कप के दौरान खूब आलोचना हुई थी. खिलाड़ियों और खासकर गोलकीपरों की शिकायत थी कि हवा में इस गेंद के रास्ते का अनुमान लगा पाना बेहद कठिन था.

इस बार के विशेष गेंद ब्राजुका को हालांकि तारीफ मिल रही है लेकिन इसकी असली परीक्षा विश्व कप के दौरान ही होगी जब विश्व की 32 टीमें खिताब के लिए आमने-सामने होंगी.

ब्राजुका की बिक्री 4 दिंसबर से ही फीफा की वेबसाइट तथा एडिडास के आउटलेट्स पर हो रही है.

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