जिंदल और डीबी पावर को राहत
नई दिल्ली | संवाददाता: डीबी पावर समेत कई कंपनियों के लिये राहत भरी खबर है. केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालय समूह यानी आईएमजी ने एस्सार, डीबी पावर और हिंडालको के कोल ब्लॉक आवंटन पर नरमी बरतते हुये कहा है कि इन कंपनियों ने समय सीमा का ध्यान रखा है. इसलिये दूसरे चरण की वन मंजूरी के लिये इन कंपनियों को हरी झंडी दी जा रही है. एस्सार और हिंडालको को मध्यप्रदेश का महान कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था, जबकि डी बी पावर को दुर्गापुर-2 सरिया कोल ब्लॉक दिया गया था.
केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालय समूह ने इसके अलावा 10 कंपनियों को आवंटित 8 कोल ब्लॉक के लिये भी अतिरिक्त 8 से 9 महीने का समय दिया है. इन कंपनियों को इस दौरान दूसरे दौर की पर्यावरण मंजूरी लेनी होगी.
जिन कंपनियों को समय दिया गया है, उनमें जिंदल, बजरंग इस्पात, भूषण पावर एंड स्टील, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू, जायसवाल निको, आधुनिक थर्मल एनर्जी, अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्टर, उषा मार्टिन और निलांचल आयरन एंड पावर शामिल हैं.
गौरतलब है कि देश का कुल 17.24 प्रतिशत कोयला भंडार छत्तीसगढ़ में है. राज्य के कोरबा, रायगढ़, कोरिया और सरगुजा ज़िले में 49 हज़ार 280 मिलियन टन कोयला ज़मीन के नीचे है. देश के कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ हर साल 21 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है.
राज्य में कुल 39 कोयला खदानों से कोयला निकाला जाता है, जिनमें रायगढ़ और कोरबा ज़िले में छह-छह खदानें हैं, जबकि सूरजपुर और कोरिया ज़िले में 11-11 खदानें हैं. इसके अलावा सरगुजा में चार और बलरामपुर में एक कोयला खदान है. अधिकांश कोयला खदानों से निकले कोयले का इस्तेमाल उद्योग धंधों और विशेषकर बिजली उत्पादन में होता है.
पिछले कुछ सालों में कोयला खदान आवंटन को लेकर भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था. इसके अलावा कई कंपनियों ने कोल आवंटन के बाद दूसरी ज़रुरी कार्रवाइयों में कोई दिलचस्पी नहीं ली थी. यही कारण है कि अंतर मंत्रालय समूह ने 61 कोल ब्लॉकों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद 28 खदानों का आवंटन निरस्त करने की सिफारिश की थी. वहीं कुछ कोल ब्लॉक की समीक्षा मंगलवार को की गई.