छत्तीसगढ़ में एंथ्रेक्स का हमला
बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 22 चीतलों की मौत के बाद स्वास्थ विभाग ने ज़िले में हाई एलर्ट जारी कर दिया है. वन विभाग ने दावा किया है कि चीतलों की मौत एंथ्रेक्स से हुई है. वन विभाग के इस दावे के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने ज़िले के कलेक्टर और जिला चिकित्सा अधिकारी को तत्काल पूरे इलाके में सघन स्वास्थ्य जांच अभियान चलाने और विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिये हैं.
ज़िले के स्वास्थ्य अधिकारी अमर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स और ज़िला अस्पताल को इस बारे में सूचना दी गई है और हाई अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा चिकित्सकों की टीम बना कर कानन पेंडारी के 10 किलोमीटर के दायरे में जानवरों और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है और किसी भी अपरिहार्य स्थिति से निपटने के पूरे उपाय किये गये हैं. इस जानलेवा बीमारी को लेकर चिकित्सा विभाग मुस्तैद है.
गौरतलब है कि बुधवार को बिलासपुर के कानन पेंडारी स्मॉल जू में एक साथ 22 चीतलों की मौत हो गई थी. मरने वाले सभी मादा चीतल हैं और इनमें से कई गर्भवती थीं.
इससे पहले कानन पेंडारी के चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व शिफ्ट करने की कोशिश के दौरान बड़ी संख्या में चीतलों की मौत हुई थी. सामान्य चर्चा है कि मंगलवार की रात चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व शिफ्ट किया जा रहा था. शिफ्टिंग के दौरान चीतलों को अर्धबेहोशी के लिये जो दवा दी गई, उसके ओवरडोज के कारण चीतलों की मौत हो गई. हालांकि वन अधिकारियों ने इससे इंकार किया था.
अब वन विभाग ने चीतलों की मौत एंथ्रेक्स से होने की बात कही है. राज्य के मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी रामप्रकाश का कहना है कि- “चीतलों की मौत को लेकर दुर्ग के पशु औषधालय के वैज्ञानिकों ने जांच के बाद पाया कि उनकी मौत एंथ्रेक्स से हुई है. हमने मरे हुये चीतलों को 10 फुट गढ्ढे में दफना दिया है. इसके अलावा जहां-जहां चीतलों के खून पड़े थे, उस स्थान की मिट्टी भी हमने 5 फुट गहरे गढ्ढे में डलवा दी है. चीतल के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को भी आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं. इसके अलावा जू के सभी जानवरों को भी ऐहतियातन दवा दी जा रही है. ”
इधर कानन पेंडारी में कथित रुप से एंथ्रेक्स से चीतलों की मौत की खबर के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने चिकित्सा विभाग को पूरे इलाके में जांच के निर्देश दिये हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कलेक्टर और जिला चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि मामले की जांच की जाए और आवश्यकतानुसार इलाके में कैंप लगा कर सघन स्वास्थ्य जांच की जाये. उन्होंने कानन पेंडारी के आस पास के गांवों में भी लोगों की जांच के निर्देश दिये हैं.