पास-पड़ोस

पति-पत्नी और जीजा-साले मैदान में

भोपाल | एजेंसी: राजनीतिक दल चाहे जो भी फार्मूला बनाने का दावा करें, मगर होता वही है जो क्षत्रप चाहते हैं और जिन उम्मीदवारों में जीत की संभावना होती है. इसे मध्य प्रदेश में बखूबी देखा जा सकता है. कहीं कार्यकर्ताओं का रेला अपने प्रतिनिधि के लिए एक अदद टिकट हासिल नहीं कर पा रहा है तो कई परिवार ऐसे हैं, जहां से दो-दो लोग टिकट हासिल कर मैदान में ताल ठोंक रहे हैं.

राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा 200 से ज्यादा उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुके हैं. शेष सीटों का फैसला शुक्रवार तक होने की संभावना है क्योंकि नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन आठ नवंबर है.

कांग्रेस और भाजपा द्वारा जारी उम्मीदवारों की सूची पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि दोनों दलों ने एक परिवार के दो-दो लोगों को उम्मीदवार बनाने में हिचक नहीं दिखाई है. इस मामले में कांग्रेस, भाजपा से आगे है. कांग्रेस ने दो परिवारों के दो-दो और भाजपा ने एक परिवार के दो सदस्यों को चुनाव मैदान में उतारा है.

कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता स्वर्गीय अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह को चुरहट से एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है, वहीं उनके दामाद भुवनेश्वर प्रसाद सिंह को सिंगरौली से टिकट दिया है. ठीक इसी तरह रीवा जिले की गढ़ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीनिवास तिवारी के बेटे सुंदरलाल तिवारी और पोते विवेक तिवारी को सिरमौर से उम्मीदवार बनाया गया है. सुंदर लाल व विवेक चाचा भतीजे हैं.

परिवार के दो सदस्यों को उम्मीदवार बनाने में भाजपा भी पीछे नहीं है. राज्य सरकार की मंत्री रंजना बघेल को मनावर से एक बार फिर उम्मीदवार बनाया गया है तो उनके पति मुकाम सिंह किराडे कुक्षी से चुनाव लड़ेंगे. वर्तमान में दोनों ही विधायक हैं.

राजनीतिक समीक्षक शिव अनुराग पटैरिया का मानना है कि पार्टियों ने फार्मूले चाहे जो बनाए हों, मगर बात चुनाव जीतने की होती है, इसीलिए दोनों ही दलों ने उन लोगों को मैदान में उतारा है जो जीतने में सक्षम हैं.

कार्यकर्ताओं को महत्व देने का दावा और वादा करने वाले दोनों राजनीतिक दलों ने अपने पूर्व निर्धारित फार्मूले को किनारे रखकर उम्मीदवारी तय की है, इसलिए अब सभी की नजर नतीजों पर रहेगी.

error: Content is protected !!