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खुद को दोहराएगा आजादी का वर्ष

रायपुर | एजेंसी: ‘गुजरा हुआ जमाना आता नहीं दोबारा..’ इस गीत के बोल को झुठला रहा है आने वाला नया साल 2014 जो कई मायनों में बेहद खास होगा. एक तरफ जहां दिल्ली में देश की नई सरकार होगी, वहीं सबसे बड़ी खासियत यह कि अगला वर्ष आजादी के वर्ष को दोहराने वाला होगा.

दरअसल, 1947 और 2014 का कैलेंडर एक समान है. तारीख के साथ दिन, वार और जयंतियां सब एक ही तारीख में एक समान पड़ रहे हैं. यानी 67 साल पहले और नए साल के कैलेंडर में जरा भी फर्क नहीं है. इस तरह कहा जा सकता है कि आजादी का वर्ष लौट आया है.

उल्लेखनीय है कि 1947 को देश आजाद हुआ था. इस लिहाज से इस वर्ष का एक-एक दिन, तिथि व समय काफी अहमियत रखता है. दोनों वर्षो की शुरुआत बुधवार से हुई और समाप्ति का दिन भी बुधवार ही है.

15 अगस्त, 1947 को जिस दिन आजादी मिली, उस दिन भी शुक्रवार था. नए साल में भी यह तारीख शुक्रवार को पड़ रहा है. विशेषज्ञ इसे ‘हैप्पी क्लोन कैलेंडर’ की संज्ञा दी है.

तिथियों के उलटफेर से कुछ तीज-त्योहारों की तारीखें हालांकि जरूर अलग हैं. ज्योतिषी मनोज आचार्य का कहना है कि ऐसा कई बार होता है, जब अंग्रेजी माह की तारीखें और दिन तथा तिथियां मिल जाती हैं. पर यह संयोग मात्र है कि हिंदू पंचांग में तिथियां भिन्न होने के चलते ही तीज-त्योहार अलग-अलग तारीखों में पड़ रहे हैं.

त्योहार धार्मिक पंचांग के आधार पर तिथि और नक्षत्रों के संयोग से मनाए जाते हैं. यही वजह है कि 1947 और 2014 का कैलेंडर एक जैसा होने के बाद भी त्योहारों की तिथि और वार अलग-अलग हैं. 1947 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी, होली 6 मार्च, रक्षाबंधन 31 अगस्त, दशहरा 24 अक्टूबर व दिवाली 12 नवंबर को थी, जबकि 2014 में महाशिवरात्रि 27 फरवरी, होली 17 मार्च, रक्षाबंधन 10 अगस्त, दशहरा 4 अक्टूबर व दिवाली 23 अक्टूबर को होगी.

बहरहाल, 1947 में देश आजाद हुआ और नई सरकार बनी. 2014 में देशभर में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. नई सरकार इसी साल शपथ भी लेगी. इस लिहाज से, इसे लोग एक बड़ी समानता मान रहे हैं.

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