बस्तर में डेंगू का प्रकोप
जगदलपुर। संवाददाताः बरसात का मौसम शुरू होते ही बस्तर क्षेत्र में डेंगू तेजी से अपने पैर पसार रहा है. दंतेवाड़ा जिले की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है.
दंतेवाड़ा जिले में डेंगू के मरीज रोजाना बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है.
हालांकि स्वास्थ विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है.
दंतेवाड़ा जिले में डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा है. जिले में अब तक 30 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिले हैं.
मरीजों को बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में डेंगू का प्रकोप दिनोदिन बढ़ रहा है.
पिछले दिनों यहां 20 लोगों की जांच कराई गई, जिनमें से 8 लोग पॉजिटिव पाए गए.
स्वास्थ्य विभाग अनुसार, पहले बुखार से पीड़ित एक-दो मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे थे, लेकिन अब अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है.
नगर के गजराज कैंप, चटाई कैंप, धरमपुर कैंप में ज्यादा डेंगू के मरीज मिले हैं.
दंतेवाड़ा जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजय बसाख का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू से निपटने पर्याप्त दवा और इंतजाम हैं.
डा. बसाख के मुताबिक, बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में जागरूकता के अभाव में डेंगू का प्रकोप बढ़ा है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसका असर दिखाई देने लगा है.
बस्तर जिल में भी डेंगू की दस्तक
बस्तर जिले में भी डेंगू ने अपनी दस्तक दे दी है.
पिछले दिनों कुछ लोगों को बुखार की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे.
इनमें से दो लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है.
डेंगू के मरीज मिलते ही स्वास्थ्य अमले में हड़कंप मच गया है.
लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है.
मरीज बढ़े तब स्वास्थ्य विभाग जागा
बस्तर क्षेत्र में डेंगू को लेकर स्थिति दिनो-दिन खराब होती जा रही है.
आने वाले दिनों में मामलों के और बढ़ने का आशंका है.
डेंगू के शुरूआती मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग गंभीर दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन मरीज बढ़ने के बाद अब अचानक स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड पर आ गया है.
मरीजों के इलाज के साथ ही अलग-अलग मोहल्लों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं, जहां लोगों की जांच की जा रही है. पीड़ित मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.
दवा का छिड़काव नहीं, मच्छरदानी भी नहीं बांटी
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने आरोप लगाया है कि गांवों में दवा का छिड़काव नहीं किया गया है. इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है.
बरसात के मौसम को देखते हुए विभाग को दवा का छिड़काव करना चाहिए था. हालांकि शहरी क्षेत्र में भी दवा का छिड़काव नहीं किया गया है.
विभाग की तरफ से मच्छरदानी भी नहीं बांटी गई है.
इसके कारण ग्रामीण मलेरिया और डेंगू की चपेट में आ रहे हैं.