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हिंदू राष्ट्र पर भिड़े दो शकंराचार्य

रायपुर | संवाददाता : हिंदू राष्ट्र बनाने के मुद्दे पर दो शंकराचार्य आपस में भिड़ गए हैं. पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही है, वहीं जोशी मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि हिंदू राष्ट्र बन जाने से क्या लाभ होगा?

असल में दोनों शंकराचार्य रायपुर पहुंचे हुए हैं, जहां दोनों के बयान सामने आए.

पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि भारत के हिंदू राष्ट्र बन जाने से एक सुसभ्य, सुसंस्कृत और कर्तव्य परायण समाज की स्थापना होगी.

उन्होंने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए पहले हिंदू राष्ट्र का निर्माण करना होगा.

शंकराचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरसिंहाराव के समय अयोध्या में मंदिर और मस्ज़िद दोनों के निर्माण का प्रस्ताव था. लेकिन मैंने उस पर हस्ताक्षर नहीं किया. शंकराचार्य ने कहा कि नरसिंहाराव ने मुझे मरवाने की भी कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो पाए.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

दूसरी ओर जोशी मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि हिंदू राष्ट्र से किसी का कोई फायदा नहीं होने वाला.

उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र का मतलब हिंदुओं की गोलबंदी और गैर हिंदुओं के साथ गैर समानता का व्यवहार करना है. ये एजेंडा ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा देने वाला है.

शंकराचार्य ने कहा कि रामराज में कोई भी पराया नहीं होता.

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