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छत्तीसगढ़ में बिजली महंगी हुई

रायपुर | संवाददाता: विद्युत निमायक आयोग दावों के विपरीत छत्तीसगढ़ में बिजली महंगी हो गई है. छत्तीसगढ़ में घरेलू तथा कृषि, दोनों की बिजली महंगी कर दी गई है. शब्दों की बाजीगरी से बाहर आकर देखेंगे तो पायेंगे बिजली की दरों में असल में बढ़ोतरी कर दी गई है. यह बढ़ी हुई दर 1 अप्रैल 2017 से लागू होगी.

छत्तीसगढ़ में बिजली की पुरानी दर के अनुसार 40 यूनिट तक की बिजली की दर 3.60 रुपये थी अब इसे बढ़ाकर 3.80 रुपये का कर दिया गया है. इसी तरह से 41 से 200 यूनिट तक की बिजली की दर 3.70 रुपये की थी जिसे अब 3.90 रुपये कर दिया गया है.

201 से 600 यूनिट तक की बिजली की दर 5.20 रुपये थी जिसे अब 5.40 रुपये का कर दिया गया है. इसी तरह से 600 यूनिट से ज्यादा की खपत पर बिजली की दर 7.25 रुपये थी जिसे अब 7.45 रुपये कर दिया गया है.

इसी तरह से कृषि की बिजली में 20 पैसे प्रति यूनिट का झटका दिया गया है.

नई बिजली की दरों में रेलवे तथा उद्योगों को राहत दी गई है. उल्लेखनीय है कि रेलवे ने छत्तीसगढ़ से बिजली लेने से इंकार कर दिया था इसलिये रेलवे को लोड फैक्टर में राहत देते हुये साल में 150 करोड़ रुपये की बचत का रास्ता दिया गया है. रेलवे 20 फीसदी से ज्यादा जितनी खपत करेगा उसमें उसे ऊर्जा प्रभार में 30 फीसदी की छूट दी जायेगी.

विद्युत नियामक आयोग के सचिव पीएन सिंह के अनुसार रेलवे को 6.24 रुपये के दर से दी जाने वाली बिजली करीब पांच रुपये में दी जायेगी. स्टील उद्योगों को टैरिफ में छूट नहीं दी गई है परन्तु उन्हें 65 फीसदी से ज्यादा लोड फैक्टर में छूट दी गई है. इससे स्टील उद्योगों को भी करीब 150 करोड़ रुपये का लाभ होगा.

शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों की घोषणा करते हुये कहा कि इससे बिजली वितरण कंपनी को 13,600 करोड़ रुपयों की आय होगी.

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