छत्तीसगढ़रायपुर

छत्तीसगढ़: नोटबंदी से 50,000 बेरोजगार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में नोटबंदी के कारण 50 हजार ठेका श्रमिकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने करने वाले करीब 50 हजार ठेका श्रमिकों को नोटबंदी से छाई मंदी के कारण अपने नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है. छत्तीसगढ़ उद्योग महासंघ के महेस कक्कड़ ने हिन्दी के एक प्रतिष्ठित दैनिक अखबार को बताया कि नोटबंदी के कारण राज्य के उद्योगों में कार्यरत 10 लाख कर्मचारियों में से 50 हजार की छंटनी हो चुकी है. इनमें से ज्यादातार ठेका श्रमिक हैं.

महेश कक्कड़ का कहना है कि यह आकड़ा ठोस आकड़ा नहीं है, संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है. जब बिक्री घट गई है तथा उत्पादन आधा हो गया है तो कर्मचारी रखकर क्या करेंगे. उन्हें उम्मीद है कि बजट के बाद हालत सुधर जायेंगे.

नोटबंदी से छत्तीसगढ़ के स्टील, सीमेंट तथा चावल उद्योगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. इन उद्योगों में फिलहाल 40 फीसदी उत्पादन की कटौती चल रही है.

नोटबंदी के बाद रायगढ़ स्थित मोनेट प्लांट का उत्पादन भी घट गया है जिसके कारण वहां छटनी करनी पड़ी है. छत्तीसगढ़ में 100 से भी ज्यादा मिनी स्टील प्लांट तथा 11 सीमेंट फैक्ट्रियां हैं जहां उत्पादन आधा करना पड़ा है.

इसका कारण है कि रियल स्टेट, सड़क निर्माण तथा बांधों का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है.

दूसरी तरफ नगदी की समस्या के कारण राइस मिलों में भी मजदूरों की छंटनी करनी पड़ी है. यहां तक कि छोटे-छोटे होटलों में भी कर्मचारियों की संख्या में कटौती की गई है.

error: Content is protected !!