कलारचना

विद्या का सामना समलैंगिक निर्देशकों से?

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: क्या विद्या बालन का सामना अब तक बालीवुड के समलैंगिक निर्माता-निर्देशकों से ही हुआ है? विद्या बालन के दावों कि उनका सामना कास्टिंग काउच से नहीं हुआ को टिस्का चोपड़ा के बयान के साथ जोड़कर देखा जा रहा है. जनवरी माह में अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने कोलकाता में कहा था, “मैंने कभी दुष्कर्म जैसा वाकया नहीं सुना है. राहत की बात यह है कि समलैंगिक निर्देशकों की संख्या भी काफी है, तो महिला-पुरुषों के लिए समस्या समान है. महिलाओं की तरह ही पुरुषों को भी इससे गुजरना पड़ता है, हां या न कहना आपका चुनाव है.” जबकि मंझी हुई अभिनेत्री विद्या बालन का कहना है कि अभिनय के प्रति उनके जुनून ने उन्हें हिंदी सिनेजगत में होने वाले कास्टिंग काउच से बचाया. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विद्या ने यहां कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबरा के स्टूडियो में बताया, “मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे कभी कास्टिंग काउच या शोषण जैसी कोई चीज नहीं झेलनी पड़ी. यह काम पाने की ललक नहीं, बल्कि अभिनय के प्रति मेरे जुनून की वजह से हुआ.”

विद्या ने कहा, “इतने सालों में किसी ने मुझे ऐसी कोई बात नहीं कही, जो मुझे तकलीफ दे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैंने किसी को मुझसे कुछ गलत नहीं करने दिया.”

37 वर्षीय विद्या ने नवोदित कलाकारों को कास्टिंग काउच से स्वयं की रक्षा करने की सलाह देते हुए कहा, “यह आप पर निर्भर करता है. अगर आपके साथ कास्टिंग काउच या शोषण जैसी कोई चीज हुई भी है, तो अपने प्रति कटु न बनें.”

उन्होंने कहा, “भूमिका और फिल्म ना मिलने से दुनिया खत्म नहीं हो जाती. यह शुरुआत हो सकती है, लेकिन अंत कभी नहीं हो सकती.” उल्लेखनीय है कि बालीवुड में कास्टिंग काउच बड़ा बदनाम है जिसका अर्थ है कि फिल्मों में काम करने के बदले अपने शरीर को सौंपना. विद्या बालन तथा टिस्का चोपड़ा इस मामले में भाग्यशाली रहीं कि उन्हें कास्टिंग काउच की पीड़ा से गुजरना नहीं पड़ा.

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