कलारचना

बच्चों के ‘चाचा चौधरी’ नहीं रहें

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: चाचा चौधरी के जनक कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा बच्चों से दूर चले गये हैं. इसी के साथ चाचा चौधरी तथा साबू के नये कारनामे से आने वाली पीढ़ी मरहूम रह जायेगी. चाचा चौधरी तथा साबू के माध्यम से सच्चाई के मार्ग पर चलने की बच्चों की दो पीड़ियों को प्रेरणा देने वाले कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा का कैंसर से 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है.

उनकी पुत्रवधु ज्योति प्राण ने बुधवार को बताया कि मंगलवार रात 9.30 बजे उनका निधन हो गया. वह पिछले एक साल से कैंसर से पीड़ित थे.

उन्होंने बताया, “पिछले 15-20 दिनों से उनकी हालत बेहद खराब थी और गुड़गांव के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.”

उनका अंतिम संस्कार पंजाबी बाग में दोपहर 2.30 बजे किया जाएगा.

उनके परिवार में पत्नी आशा, बेटा निखिल प्राण और बेटी शैली प्राण हैं.

प्राण ने चाचा चौधरी के अतिरिक्त साबू, श्रीमतीजी, पिंकी और बिल्लू जैसे कार्टून चरित्रों की भी रचना की थी.

उनका जन्म लाहौर के नजदीक कासुर में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1960 में दिल्ली के एक समाचार पत्र में बतौर कार्टूनिस्ट की थी.

उन्होंने सबसे पहले हिंदी बाल पत्रिका ‘लोटपोट’ के लिए ‘चाचा चौधरी’ का किरदार रचा था, जो बाद में स्वतंत्र कॉमिक्स के तौर पर खूब मशहूर हुआ.

उन्हें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स की तरफ से 2001 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था और लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस ने उन्हें 1995 में ‘पीपुल ऑफ द ईयर’ की सूची में शामिल किया था. भारत के बच्चों में ‘वाल्ट डिजनी’ से ज्यादा लोकप्रिय प्राण तथा उनके चाचा चौधरी रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!