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दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर!

रायपुर । एजेंसी : ब्रिटिश पुरातत्वविदों का दावा है कि उन्होंने डर्बिनशायर के इलाके में चंद्रमा की गति पर आधारित दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर खोज निकाला है. कार्थेस के किले में एक खेत की खुदाई के दौरान 12 गड्ढों की एक श्रृंखला मिली है, जो चंद्रमा की अवस्थाओं और चंद्र महीने की तरफ संकेत करती है.

बर्मिघम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के नेतृत्व वाली एक टीम के मुताबिक इस प्राचीन स्मारक को करीब 10 हजार साल पहले शिकारियों ने बनवाया था. वॉरेन फील्ड के इन गड्ढों की खुदाई पहली बार सन् 2004 में हुई थी. इन गड्ढों का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि हो सकता है कि उनमें कभी लकड़ी के खंभे रहे हों.

मध्य पाषाण युग का यह कैलेंडर अब तक के ज्ञात सबसे पुराने कैलेंडर मेसोपोटामिया के कैलेंडर से भी हजारों साल पुराना है. यह विश्लेषण ‘इंटरनेट आर्कियोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. बर्मिघम विश्वविद्यालय में लैंडस्केप आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर विन्स गैफेनी ने इस विश्लेषण-परियोजना का नेतृत्व किया. वह कहते हैं, “इन प्रमाणों से पता चलता है कि स्कॉटलैंड के शिकारियों के पास साल भर के समय-चक्र पर नजर रखने की क्षमता थी.”

यह कैलेंडर पूरब में मिले पहले औपचारिक कैलेंडर से पांच हजार साल पहले अस्तित्व में आ गया था. वॉरेन फील्ड को पहली बार स्कॉटलैंड के प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों के रॉयल कमीशन (आरसीएएचएमएस) ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान खोजा था.

आरसीएएचएमएस की हवाई सर्वेक्षण परियोजना के प्रबंधक डेव काउली कहते हैं, “हम पिछले करीब 40 साल से स्कॉटिस भूमि की तस्वीरें ले रहे हैं, हजारों पुरातत्विक जगहों की रिकॉर्डिग की है, जिन्हें जमीन से कभी नहीं खोजा जा सकता था.”

कार्थेस किले की देखभाल नेशनल ट्रस्ट फॉर स्कॉटलैंड (एनएसटी) करता है. इस जगह की खुदाई 2004 से 2006 के बीच एनएसटी के कर्मचारियों और र्मे पुरातत्व सेवा ने मिलकर की थी.

एनटीएस के पुरातत्वविद डॉक्टर शैनन जर कहते हैं, “यह एक उल्लेखनीय स्मारक है, जो ब्रिटेन में अद्वितीय है.” वे कहते हैं, “हमारे खुदाई करने से करीब 10 हजार साल पहले के लोगों के सांस्कृतिक जीवन की आकर्षक झलक मिलती है. यह नवीनतन खोज समय और आकाश के साथ संबंध के बारे में हमारी समझ को और आगे बढ़ाएगी.”

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