आर्थिक रूप से क्यों पिछड़े युवा?
लंदन | एजेंसी: एक ताजा शोध के अनुसार, दुनिया के आर्थिक रूप से संपन्न इलाकों में रहने के बावजूद युवा पीढ़ी की आर्थिक हालत अपनी पिछली पीढ़ी की अपेक्षा खराब है. शोध के अनुसार, 20 वर्ष पहले पिछली पीढ़ी आर्थिक रूप से कहीं अधिक संपन्न थी.
धीरे-धीरे मौजूदा युवा पीढ़ी की अपने परिजनों पर आर्थिक निर्भरता बढ़ी है, तथा पिछली पीढ़ी की अपेक्षा वे स्कूलों में अध्ययन के लिए कहीं अधिक समय व्यतीत करने लगे हैं. युवा पीढ़ी में फुलटाइम नौकरी पाने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
ऑस्ट्रिया स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर अप्लाइड सिस्टम एनालिसिस के जनसंख्या विशेषज्ञ वेगार्ड स्करबेक ने इसे युवाओं के बीच उपजी एक विशेष किस्म का लक्षण बताया.
यह लक्षण इटली, फ्रांस, स्पेन और जापान जैसे कुछ विशेष देशों में देखने को मिला तथा इसके पीछे वहां की सरकारों की हालिया आर्थिक संकट को बताया गया.
शोध के अनुसार, युवाओं में इस लक्षण को 1980 के दौरान वैश्विक स्तर पर आर्थिक एवं जनसांख्यिकी बदलाव के रूप में देखा जा सकता है. शोध में इसके पीछे वैश्विक स्तर पर तीन आथिर्क कारण बताए गए हैं –
पहला कारण बताया गया कि अब काम की तालाश में कोई भी व्यक्ति किसी भी देश में जाने लगा है.
दूसरा कारण यह है कि आज शिक्षा का स्तर काफी बढ़ गया है जिसके कारण कुशल कारीगरों की कोई कमी नहीं रह गई है, तथा तीसरे कारण के रूप में महिलाओं द्वारा रोजगार में बड़ी संख्या में शामिल होने के बताया गया है.
इन सब ने मिलकर नौकरियों के लिए गलाकाट प्रतिपस्र्धा को जन्म दिया है. कामगारों की उपलब्धता के अलावा तकनीकी बदलाव भी नौकरियों को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार हैं.
आईआईएसए के शाोधकर्ता वॉरेन सैंडरसन ने बताया कि आर्थिक और जनसांख्यिकी परिवर्तनों के बावजूद कुछ लोगों पर अच्छा असर भी पड़ा है. लेकिन इसके बावजूद आज युवाओं की आर्थिक हालत खस्ता ही हुई है.