महान लक्ष्य लेकर चलें युवा: डॉ. कलाम
रायपुर | संवाददाता: युवाओं को हमेशा एक महान लक्ष्य लेकर चलना चाहिए और आसपास के वातावरण से प्रभावित न होकर उसके लिए सतत प्रयास करते रहना चाहिए. ये प्रेरणादायक शब्द पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती के उपलेक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में रायपुर पहुँचे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहे.
मिसाइलमैन डॉ. कलाम ने कहा कि प्रत्येक युवा की सोच विशिष्ट व्यक्तित्व बनने की होती है. लेकिन उनके इर्द-गिर्द जो है, वे उन्हें दूसरों की तरह बनाने में लगे रहते हैं. लेकिन प्रत्येक युवा को विशिष्ट बनने की इच्छा रखकर उसके अनुसार कड़ी मेहनत करना चाहिए
उन्होंने युवाओं को अपने देश और समाज के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने का आव्हान किया. उनके व्याख्यान के बाद स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने अपने प्रश्नों का समाधान भी दिया.
डॉ. कलाम ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को विशिष्ट बनने के लिए चार स्तर पर कार्य करना चाहिए. पहला ऊंचा लक्ष्य बनायें, दूसरा इसके लिए जरूरी ज्ञान हासिल करें, तीसरा कड़ी मेहनत से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ें तथा उसे प्राप्त करने में लगातार प्रयास करते रहें.
उन्होंने युवाओं को कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि युवा को सदैव यह मानकर कार्य करना चाहिए कि उन्हें भविष्य किस रूप में याद करेगा. जरूरी है कि युवा एक महान लक्ष्य लेकर चलें और आसपास के वातावरण से प्रभावित न होकर उसके लिए लगातार कार्य करें. डॉ. कलाम ने कहा कि जिन लोगों ने ऊंची सोच रखने की हिम्मत दिखाई उन्होंने ही दुनिया में परिवर्तन किया.
कार्यक्रम के दौरान डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने विज्ञान के भविष्य पर एक व्यख्यान भी दिया. उन्होंने कहा कि विज्ञान के चार प्रमुख आधार जीव विज्ञान, नैनो विज्ञान, सूचना क्रांति एवं पर्यावरण विज्ञान के मिलन से जनसमुदाय को भविष्य में बहुत फायदा होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि अब विज्ञान के क्षेत्र में जो नई विधा सामने आ रही है, वह सतत् व्यवस्थाओं के विकास की है.
सभागार में उपस्थित स्कूल व कॉलेज के छात्रों को विज्ञान की ओर रूझान बढ़ाने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने दुनिया के कई वैज्ञानिकों की जीवनी उदाहरण देते हुए समझाया कि किस प्रकार इन वैज्ञानिकों की सोच और उसे धरातल पर साकार रूप देने की गई उनकी मेहनत के कारण दुनिया उन्हें याद रखती है.