महिला भूमि अधिकार में छत्तीसगढ़ टॉप 10 में
रायपुर | संवाददाता: महिला भूमि अधिकार सूचकांक में छत्तीसगढ़ देश के टॉप 10 राज्यों में शुमार हो गया है. हालांकि जमीन के क्षेत्रफल के मामले में छत्तीसगढ़ की महिलायें अभी भी पीछे हैं. देश के 35 राज्यों की इस रिपोर्ट को भुवनेश्वर-स्थित परामर्श देने वाली संस्था एनआर मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स ने तैयार किया है.
यह रिपोर्ट 2011 की कृषि जनगणना से महिलाओं की परिचालित होल्डिंग्स पर आंकड़े, 2011-12 के भारतीय मानव विकास सर्वेक्षण से कृषि भूमि वाले वयस्क महिलाओं की हिस्सेदारी, 2011 की सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना से भूमि के मालिक महिलाओं के नेतृत्व वाले घरों की हिस्सेदारी और 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से घर और/या जमीन की महिला मालिकों को आधार बना कर तैयार किया गया है.
इस आंकड़े के अनुसार भारत में औसतन 12.9 प्रतिशत महिलायें भूमि धारक हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार एक महिला औसतन 0.93 हेक्टेयर जमीन की मालिक है, जबकि पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा औसतन 1.18 हेक्टेयर है.
लक्षद्विप में 31.1 प्रतिशत महिलायें भूमि मालिक हैं. जबकि नौंवे नंबर पर छत्तीसगढ़ है, जहां 13 प्रतिशत महिलाओं को जमीन के मालिक होने का हक प्राप्त है. मेघालय में 26 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 19.7 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 17.2 प्रतिशत, केरल में 16.9 प्रतिशत, उत्तराखंड में 16.3 प्रतिशत, अंडमान निकोबार में 15.7 प्रतिशत, कर्नाटक में 15.2 प्रतिशत और झारखंड में 12.7 प्रतिशत महिलायें जमीन की मालिक हैं.
अगर जमीन के क्षेत्रफल पर काबिज महिलाओं के आंकड़े निकालें तो पता चलता है कि छत्तीसगढ़ इस मामले में फिसड्डी है. आंकड़े बताते हैं कि लक्षद्विप के 41 प्रतिशत जमीन पर महिलाओं का कब्जा है. इसी तरह मेघालय की 34.3 प्रतिशत, अंडमान की 29.7 प्रतिशत, आंध्र की 23.7 प्रतिशत, गोवा की 20.3 प्रतिशत, तमिलनाडु की 17.8 प्रतिशत, कर्नाटक की 17.3 प्रतिशत, केरल की 17.2 प्रतिशत, दादर व नगर हवेली की 16.5 प्रतिशत और महाराष्ट्र की 14.1 प्रतिशज ज़मीन पर महिलायें काबिज हैं यानी उनका मालिकाना हक़ है.