छत्तीसगढ़

बिलासपुर में चल रही डायन की खोज

रतनपुर | उस्मान कुरैशी: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के एक वन गांव में कथित डायन की अग्निपरीक्षा चल रही है. यहां पर भूत भगाने के नाम पर हर महिलाओं को पीढ़े पर खड़ा कर दिया जाता है तथा उनके सिर के उपर तथा शरीर के दोनों ओर से राख से फूंका जाता है. जिससे आग निकलती है तथा महिलाओं को यह सहन करना पड़ रहा है. वनांचल के पुडु गांव में कथित भूत भगाने के नाम पर सप्ताह भर से तांत्रिक अनुष्ठान चल रहा है. जहां खीची गई लक्षमण रेखा के भीतर पूरे गांव के लोगों की मौजूदगी रहती है. जहां महिलाओं और बच्चियों को बाल खुले रखकर अग्नि परीक्षा देनी पड़ी रही है.

कोटा ब्लाक में ग्राम पंचायत पुडु के ग्रामीण कथित तौर पर भूतों से परेशान है. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है. घरों के दरवाजों पर ताला लटका हुआ है. वनांचन का पुडु गांव जिला मुख्यालय बिलासपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जहां रहस्यमयी घटनाएं करीब माह पहले शुरू हुई. ससुराल से लौटने के बाद यहां के पंच सरदार सिंह की तबियत बिगड़ गई. वह रहस्यमयी हरकतें करने लगा. उसकी हरकतों के बारे में सुनकर उसका साथी पंच विद्यानंद उसके घर हालचाल जानने पहुंचा. जहां सरदार सिंह से उसकी आखें चार हुई ओर उसके मर्ज ने उसे भी जकड़ लिया. धीरे धीरे उसकी ये रहस्यमय बीमारी की चपेट में उसके परिजन और गांव वाले भी आने लगे.

गांव के बुजुर्ग मानिकदास के मुताबिक इनमें रहस्यमयी शक्तियां सवार हो जाती जिनपर नियंत्रण पाना लोगों के लिए मुष्किल होता है. जो भी उनसे मिलने जाते वहीं आपस में लड़ने भिड़ने लग जाते. इन घटनाओं से धीरे-धीरे पूरे गांव का माहौल खराब होने लगा. जिस पर नियंत्रण पाने ताकतवर बैगे की तलाश की गई है. जो रायगढ जिले के धरमजयगढ़ इलाके के मिरी गुड़ा गाव का समारू राम यादव है. जो यहां तांत्रिक अनुष्ठान कर इस रहस्मयी घटनाओं पर काबू पाने की कवायद कर रहे है. मानिकदास यहां चल रहे पूजा पाठ को गांव की शांति के लिए जरूरी बताते है.

गांव में चल रहे तात्रिक अनुष्ठान की वजह से घरों में तालाबंदी की स्थिति है. ग्रामीण सप्ताह भर से गांव के बीच बने ठाकुर देव के चबूतरे पर जमा हो रहे है. जहां दिन भर तांत्रिक अनुष्ठान चलता रहता है. यहां चूने से लक्ष्मण रेखा खींची गई है. इस लक्ष्मण रेखा के भीतर गांव के बाहर के लोगों को जाने की इजाजत नहीं है. गांव के अंदर जूते चप्पल पहनकर चलने पर भी पाबंदी है. गांव की महिलाएं और लड़कियां को बालों में चोटियां बनाने पर भी रोक है. मांदर की थाप पर गांव के बच्चे मदमस्त हाकर झूमले नजर आते है. जिन्हे कथित बैगा देवता की सवारी बता रहे है. बैगा इन कृत्यों से ग्रामीणों के दुख दर्द और बीमारी के साथ पागलों को ठीक करने का दावें भी कर रहे है.

इस तांत्रिक अनुष्ठान में जुटे बैगा समारू राम कहते है कि गांव में शांति लाने बड़े बैगा को मना कर लाने की जरूरत है. जिससे कि गांव के देवताओं को शांति मिल सके. यहां देवताओं की सेवा हो रही है जिससे भूत प्रेत और लोगों के शारीरिक कष्ट दूर हो रहे है. वे गांव के करीब 15 लोगों के पागलपन को ठीक करने के दावें भी करते है. ग्रामीणों ने बकायदा रतनपुर थाने में गांव की शांति के लिए पूजा पाठ करने की लिखित सूचना भी दी है.

थाना प्रभारी विलियम टोप्पो के मुताबिक उन्होने मौके पर जाकर ग्रामीणों से चर्चा की है. जहां ग्रामीणों ने उनसे भी गांव में देवताओं की शांति के लिए पूजा पाठ करने की बात कही है.

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