कैलेंडर में ममता, मुसलमानों को आपत्ति
कोलकाता | समाचार डेस्क: खादी के कैलेंडर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के बाद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तस्वीर को लेकर मुसलमानों को आपत्ति है. पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक विभाग के कैलेंडर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर है. ऐसे लाखों कैलेंडर प्रकाशित किये गये हैं वितरित किये गये हैं. मुसलमानों की आपत्ति इस बात को लेकर है कि किसी जीवित व्यक्ति के तस्वीर को घर, मस्जिद या मदरसे में टांगा नहीं जा सकता क्योंकि ऐसा करना हराम है.
पश्चिम बंगाल राज्य मदरसा शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ एसोसियेशन के अध्यक्ष रफ़ीकुल इस्लाम का कपहना है कि, “कैलेंडर में बहुत ज़रूरी जानकारी होती है, ख़ासकर छात्रवृत्ति के बारे में. साथ ही विभाग की योजनाओं के बारे में भी इससे जानकारी मिलती है. लेकिन इस साल के कैलेंडर को घर या मदरसे में नहीं रखा जा सकता है. इस्लाम में जीवित चीज़ों की तस्वीर लगाने की इजाज़त नहीं है. इनसे बचा जाना चाहिये.”
हालांकि कोलकाता के दो जाने-माने इमामों ने इन तर्कों को नकारते हुए कहा है कि सरकारी संस्थाओं के पास मुख्यमंत्री की तस्वीर प्रकाशित करने के अधिकार हैं. लेकिन अगर कोई इन्हें घर पर नहीं रखना चाहता है तो वो ऐसा करने के लिये भी स्वतंत्र हैं.
कोलकाता की चर्चित नाख़ोदा मस्जिद के इमाम मोहम्मद शफीक़ ने बीबीसी से कहा, “आज की दुनिया में किसके पास तस्वीर नहीं होती? जो मुसलमान इस सवाल को उठा रहे हैं मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वो अपनी जेब और घर से सभी नोटों को भी निकाल दें. नोट पर क़ौम के बाबा महात्मा गांधी की तस्वीर है. क्या वो ऐसा करेंगे? आज के दौर में ये सवाल उठाना ही हास्यस्पद है.”
उधर, पश्चिम बंगास अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के चेयरमैन तथा तृणमूल कांग्रेस से सांसद सुल्तान अहमद का कहना है कि ये कैलेंडर सभी जगह बांटे जा रहे हैं. किसी ने सवाल नहीं उठाया है. हमारा विभाग सभी अल्पसंख्यकों के लिये है, सिर्फ़ मुसलमानों के लिये नहीं. हम सभी धर्मों के अल्पसंख्यकों के लिए काम करते हैं. (इनपुट बीबीसी हिन्दी से)