‘हम पूंजीवादी मित्रवाद के खिलाफ’
निर्मल | समाचार डेस्क: राहुल गांधी ने कहा हम सिर्फ पूंजीवादी मित्रवाद के खिलाफ हैं. उन्होंने अपने पद-यात्रा के समय आयोजित सभा में मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार चुनिंदा कारोबारियों के लिये ‘अच्छे दिन’ लेकर आया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण बिल वास्तव में कुछ कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिये लाया गया है. राहुल गांधी ने शुक्रवार की सभा में ‘पूंजीवादी मित्रवाद’ का नया नारा गढ़ा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि अच्छे दिन सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कुछ कारोबारी मित्रों के लिए आए हैं. वाडियाल गांव में यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी के पांच से छह व्यवसायी दोस्त हैं और पूरा देश उन्हीं के लिए चलाया जा रहा है.
आदिलाबाद जिले में आर्थिक विपन्नता के कारण खुदकुशी करने वाले किसानों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए 15 किलोमीटर की पदयात्रा के समापन के बाद राहुल ने कहा, “यह चुनिंदा लोगों की सरकार है. यह शूट-बूट और चुनिंदा उद्योगपतियों की सरकार है.”
उन्होंने कहा, “अच्छे दिन लोगों के लिए तो नहीं आया, लेकिन मोदी के लिए आया, जो विभिन्न देशों का दौरा कर रहे हैं.”
राहुल ने भीड़ से पूछा, “क्या आप में से कोई 10 लाख रुपये का शूट पहनता है? मोदीजी पहनते हैं.”
उन्होंने कहा, “एक साल बीत गए. क्या आपने कोई नौकरी पाई जिसका वादा केंद्र में मोदी और तेलंगाना में मिनी मोदी (के.चंद्रशेखर राव) ने किया था.”
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, “मैं जहां कहीं भी जाता हूं, लोग यही कहते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय जनजांत्रिक गठबंधन को वोट देकर गलती कर दी.”
उन्होंने कहा कि राजग और तेलंगाना राष्ट्र समिति कह रही है कि वे क्रमश: भारत तथा तेलंगाना में बदलाव लाएंगे, लेकिन किसानों को भूल गए, जो वास्तविक बदलाव ला सकते हैं.
भूमि अधिग्रहण विधेयक में प्रस्तावित संशोधन पर राजग सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार किसानों से जमीन छीनना चाहती है और इसे मोदी के कुछ करीबी उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के पास हजारों एकड़ जमीन है. उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा बनाए गए विशेष आर्थिक क्षेत्र की 40 फीसदी जमीन बिना इस्तेमाल के पड़ी हुई है. उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली की स्वीकारोक्ति का हवाला देते हुए कहा कि जमीन के कारण सिर्फ आठ फीसदी ही परियोजनाएं रुकी हुई हैं.
उन्होंने किसानों से कहा, “वे आपकी जमीन छीनना चाहते हैं, क्योंकि जमीन सोना है. आने वाले समय में जमीन की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी और यह आपको तथा आपके बच्चों को लाभान्वित करेंगी.”
राहुल ने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी विकास के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा, “उद्योगों को आगे आना होगा. उद्योग, किसानों और श्रमिकों के बीच साझेदारी होनी चाहिए. हम सिर्फ पूंजीवादी मित्रवाद के खिलाफ हैं. पूंजीवादी मित्रवाद मतलब हर चीज सिर्फ दो या तीन उद्योगपतियों को सौंप देना है.”
उन्होंने कहा कि राजग सरकार जल्दबाजी में भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित करना चाहती है. राहुल ने यह आरोप लगाया कि यह विधेयक सरकारों को शक्ति देगी, जिससे वह किसानों की मर्जी के बिना उनकी जमीन ले लेंगे. जबकि संप्रग सरकार में किसानों की सहमति अनिवार्य बनाई गई थी.
गांधी ने कहा कि सरकार किसानों को जमीन वापस करने संबंधी प्रावधानों को हटा रही है कि अगर परियोजना अगले पांच सालों में नहीं आती, तब भी जमीन वापस नहीं दी जाएगी.
किसानों से राहुल की मुलाकात को लेकर हो रही आलोचना पर राजग और तेलंगाना राष्ट्र समिति पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि अगर मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव किसानों से मिले होते, तो उन्हें मिलने की जरूरत क्यों पड़ती.
उन्होंने संप्रग सरकार में 70,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी और अगले 10 सालों में किसानों को आठ लाख रुपये ऋण देने की घोषणा को याद करते हुए कहा कि बावजूद इसके कृषि ऋण 700 प्रतिशत बढ़ गया है.
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि राज्य में पिछले 11 महीने में 700 किसानों ने खुदकुशी की है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एस.जयपाल रेड्डी और वरिष्ठ नेता के.जना रेड्डी, मोहम्मद अली शब्बीर, वी. हनुमंत राव और मल्लू बट्टी विक्रमार्का ने भी सभा को संबोधित किया.