व्यापम: सिब्बल ने सीबीआई पर लगाये आरोप
भोपाल | समाचार डेस्क: कपिल सिब्बल ने कहा व्यापमं घोटाले के जो दस्तावेज सीबीआई को सौंपे गये हैं उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि देश देखेगा कि साल 2019 के बाद सीबीआई किस तरह से काम करती है. उन्होंने मोदी सरकार पर आरएसएस के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया. पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि व्यापमं घोटाले को लेकर जो दस्तावेजी प्रमाण सौंपे गए हैं, उस पर सीबीआई ने अब तक कोई कारगर कार्रवाई नहीं की है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को ‘संविधान और देशभक्ति’ पर आयोजित टॉकशो में हिस्सा लेने आए सिब्बल ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि सीबीआई को ऑरिजनल एक्सेलशीट और टेप सौंपे जा चुके हैं, जिसमें कई लोगों के नाम भी हैं, मगर अब तक उनमें से किसी की भी सीबीआई ने गिरफ्तारी नहीं की है.
सिब्बल ने कहा कि उन्हें तो लगता ही नहीं कि व्यापमं घोटाले की कोई सीबीआई जांच हो रही है. उन्होंने कहा, “देश वर्ष 2019 के बाद देखेगा कि सीबीआई जांच कैसी होती है. सीबीआई पूरी तरह भाजपा सरकार को बचाने का काम कर रही है.”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हैं. इस समय देश के प्रधानमंत्री भाजपा और संघ के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं.
सिब्बल ने कहा, “अगर ऐसा ही चलता रहा तो मोदी को देश के प्रधानमंत्री के नजरिए से भी नहीं देखा जाएगा, मुझे इस बात की चिंता है.”
उन्होंने आगे कहा, “हम तो उन्हें देश का प्रधानमंत्री मानते हैं मगर वे अपने को भाजपा का प्रधानमंत्री मानते हैं और अब भी संघ का प्रचारक बनकर काम कर रहे है.”
सिब्बल ने कांग्रेस पर किए जा रहे शाब्दिक हमलों और उपयोग में लाई जा रही ‘भाषा’ पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “देश को आगे बढ़ाना है तो हमें अपने संविधान को अपनाना होगा. साथ ही इस तरह की बयानबाजी को रोकना होगा और देशहित में काम करना होगा, न कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए.”
जेएनयू में लगाए गए कथित देश विरोधी नारों के बाद की कार्रवाई को लेकर किए गए सवाल पर सिब्बल ने कहा कि वहां जो कुछ हुआ, वह संविधान के मुताबिक था या नहीं, यह न्यायालय तय करेगा. लेकिन, वह इतना जरूर कहेंगे कि विश्वविद्यालय में पुलिस भेजना ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने तय कर लिया है कि जब तक हर विश्वविद्यालय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हावी नहीं हो जाती, तब तक उसे चैन नहीं मिलेगा.