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व्यापमं: नम्रता की हत्या हुई थी?

उज्जैन | समाचार डेस्क: व्यापमं घोटाले की अहम कड़ी नम्रता डामोर की मौत गला दबाने से हुई थी. नम्रता के पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने इसकी पुष्ठि की है. इस खुलासे के बाद से व्यापमं घोटाला और पेचीदा होता जा रहा है. पुलिस ने जिस नम्रता की मौत का कारण दुर्घटना बताया था वहीं अब हत्या प्रतीत हो रही है. अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि व्यापमं घोटाला आदमखोर बनता जा रहा है. जिसने भी व्यापमं घोटाले के संबंध में सबूत दिये या जो खुद सबूत बन सकता था उसे ही मरा हुआ पाया जा रहा है. मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल, व्यापमं घोटाले की अहम कड़ी मानी जा रही झाबुआ की नम्रता डामोर की मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने बुधवार को कहा है कि नम्रता की मौत नाक, मुंह और गला दबाने से हुई थी. चिकित्सक डॉ. बी. बी. पुरोहित ने मीडिया से कहा, “नम्रता की मौत नाक, मुंह और गला एक साथ दबाने से हुई थी, और उसके शरीर पर नाखून के निशान भी मिले थे.”

डॉ. पुरोहित का यह सनसनीखेज खुलासा ऐसे समय में सामने आया है, जब उज्जैन के पुलिस अधीक्षक एम. एस. वर्मा ने बुधवार को ही इसके पहले मीडिया से कहा, “नम्रता की मौत की जांच हुई थी. जांच में मौत की वजह दुर्घटना पाई गई थी. अगर नए तथ्य सामने आए तो पुलिस निर्णय लेने को स्वतंत्र है.”

नम्रता वही लड़की है, जिसकी मौत की वजह जानने टीवी पत्रकार अक्षय सिंह झाबुआ के मेघनगर स्थित उसके घर पहुंचे थे. लेकिन परिजनों के साथ बातचीत के दौरान उनकी तबियत बिगड़ी और रहस्यमय स्थितियों में उनकी मौत हो गई.

डॉ. पुरोहित ने बताया, “नम्रता के शरीर पर नाखून के निशान मिले थे. इसके साथ ही एक्सफेसिया (एक साथ मुंह, नाक व गला दबाना) के जो लक्षण होते हैं -सायनोसिस- वह भी उसके शरीर पर मिले. शरीर को पूरी तरह खोला गया तो उसमें भी एक्सफेसिया से मौत की पुष्टि हुई.”

डॉ. पुरोहित ने आगे कहा कि “एक्सफेसिया के वैसे तो कई कारण होते हैं, मगर इस प्रकरण में नाक, मुंह के साथ गले को एक साथ दबाने से सांस का अवरोध होना पाया गया.”

उल्लेखनीय है कि इस मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम बाद दूसरी जांच कराई थी और मामले को हादसा करार दे दिया गया था.

इस पर डॉ. पुरोहित ने कहा, “मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि पोस्टमार्टम रपट के अलावा अगर सिर्फ कुछ दस्तावेजों या स्थल निरीक्षण के आधार पर मौत का कारण तय किया जाए तो उसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. पोस्टमार्टम रपट के साथ स्थल निरीक्षण रपट सिर्फ मामले मे मददगार भर हो सकती है.”

राज्य के व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले के सामने आने के बाद से नम्रता की मौत चर्चा में रही है. महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव सात जनवरी, 2012 को उज्जैन जिले के कायथा के समीप शिवपुरा-भेरुपुर रेलवे लाइन पर मिला था.

पुलिस के अनुसार, नम्रता इंदौर-बिलासपुर रेलगाड़ी से जबलपुर जा रही थी. शव मिलने के 22 दिन बाद नम्रता के भाई दीपेंद्र ने उसकी शिनाख्त की थी.

पोस्टमार्टम रपट में मौत की वजह मुंह, नाक व गला दबाना बताया गया था. पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया था. लेकिन दिसंबर 2012 में पुलिस ने अपनी जांच में इस मामले को हादसा करार दिया और मामले को बंद कर दिया.

उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित एसआईटी की देखरेख में एसटीएफ व्यापमं घोटाले की जांच कर रहा है. एसआईटी के अनुसार इस मामले में अबतक 33 मौतें हुई हैं. इसमें नम्रता की मौत शामिल नहीं है. उसकी मौत एसआईटी के गठन से पहले हुई थी.

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