मनीष तिवारी बेकार हैं: वीके सिंह
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: मनीष तिवारी को रक्षा राज्यमंत्री वीके सिंह ने बेकार कहा है. उन्होंने टिप्पणी की है कि मनीष तिवारी के पास कोई काम नहीं है वे मेरी लिखी किताब पढ़ लें. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने साल 2012 में सेना की टुकड़ी के दिल्ली कूच वाले बयान का रविवार को बचाव करते हुए कहा कि इसमें जोड़ने-घटाने के लिए कुछ भी नहीं है, जबकि कांग्रेस ने उनके दावे से किनारा कर लिया. पूर्व सेना प्रमुख व विदेश राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के.सिंह ने तिवारी की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उसे खारिज कर दिया और तिवारी को बेकार करार दिया.
तिवारी ने कहा, “कल मैंने जो कुछ भी कहा, उसमें जोड़ने-घटाने के लिए कुछ नहीं है.”
शनिवार रात एक पुस्तक लोकार्पण के मौके तिवारी ने कहा कि जिस वक्त कथित घटना सामने आई थी, उस वक्त वह रक्षा मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य थे.
उन्होंने कहा, “यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन सच है. जहां तक मेरी जानकारी का सवाल है, तो यह घटना सच है.”
इस टिप्पणी पर पूर्व सेना प्रमुख ने मनीष तिवारी को रविवार को आड़े हाथ लिया.
सिंह ने उज्जैन में संवाददाताओं से कहा, “इन दिनों मनीष तिवारी के पास कोई काम नहीं है. बेहतर होगा, मैंने एक पुस्तक लिखी है, वह उसे पढ़ लें.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि वह वी.के.सिंह की पुस्तक पढ़ना पसंद करेंगे, लेकिन वह वादा करें कि भविष्य में वह मेरी भी पुस्तक पढ़ेंगे.
इसी बीच, कांग्रेस ने न सिर्फ इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया, बल्कि पार्टी नेताओं को इस मुद्दे पर टिप्पणी से बाज आने को कहा.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां कहा, “जब सेना से संबंधित यह कथित घटना सामने आई थी, तब वरिष्ठ मंत्रियों ने भी इस पर स्पष्टीकरण दिया था, और अब मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि आरोपों में रत्ती भर सच्चाई नहीं है.”
उन्होंने कहा, “वास्तव में उस वक्त भी स्पष्ट किया गया था कि सेना की कुछ टुकड़ियों की गतिविधियां रक्षा प्रणाली का अपरिहार्य व आवश्यक हिस्सा हैं. लेकिन इसके बारे में जो भी अन्य बातें सामने आ रही हैं, वह पूरी तरह गलत है.”
जब यह कथित घटना घटी, तब कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार सत्ता में थी. सेना की टुकड़ी को आगे बढ़ने का कोई भी आदेश देने से इंकार कर चुके तत्कालीन सेना प्रमुख वी.के.सिंह वर्तमान में नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री हैं.
समाचार पत्र ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक रपट के मुताबिक, 16 जनवरी, 2012 को जिस वक्त सिंह ने अपनी जन्म तिथि के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था, खुफिया एजेंसियों ने नई दिल्ली के निर्देश पर हरियाणा के हिसार से एक मुख्य सैन्य इकाई द्वारा एक अप्रत्याशित व गैर-अधिसूचित गतिविधि की खबर दी थी.
कांग्रेस व सेना दोनों ने ही इस रपट को खारिज कर दिया था.
उस वक्त रक्षा मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य रहे और वर्तमान में संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर समिति में कभी चर्चा भी नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि संसदीय समिति में हुई चर्चा को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.