छत्तीसगढ़ के खाखा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में
जशपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के वर्जीनियस खाखा को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में शामिल किया गया है. सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद से अरुणा रॉय के अलग होने के बाद सरकार ने 12 सदस्यीय परिषद का पुनर्गठन करते हुए जानेमाने समाजशास्त्री वर्जिनियस खाखा को सदस्य के तौर पर इसमें शामिल किया है. वर्जीनियस खाखा छत्तीसगढ़ में पले बढ़े हैं और उरांव आदिवासी समुदाय से हैं. फिलहाल वे गुवाहाटी में टाटा इंस्टीटयूट आफ सोशल साइंसेज के उप निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. खाखा दिल्ली विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्राध्यापक के बतौर भी काम करते रहे हैं.
ब्रिटिश शासन के पश्चात् भारत के मूल आदिवासियों एवं बाद में आये आदिवासियो के बीच हुए आपसी संघर्षो का भी उनका अध्ययन बहुचर्चित रहा है. किसानों की सामाजिक स्थिति और विकासपरक मुद्दों पर उनकी विशेषज्ञता को अकादमिक क्षेत्र में गंभीरता से लिया जाता है. इसके अलावा भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर अध्ययन किया है. देश के अलावा कई सालों तक विदेशों में अध्ययन और अध्यापन करने वाले प्रोफेसर खाखा ने समाजशास्त्र में पुणे विश्वविद्यालय से 1973 में स्नातकोत्तर करने के बाद 1978 में आईआईटी कानपुर से उत्तरी बंगाल के किसानों पर पीएचडी की थी.
छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली वारदात की पृष्टभूमि में वर्जीनियस खाखा को बारह सदस्यीय राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वे छत्तीसगढ़ से हैं तथा यहां के आदिवासी क्षेत्रो में नक्सली घुसपैठ को वे बेहतर तरीके से समझ एवं विश्लेषित कर सकते हैं. उन्होंने हाल ही में असम के बोडो जनजातियो तथा अल्पसंख्यकों के बीच हुए संघर्ष का गहराई से अध्धयन किया है.