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आरती स्पंज के विरोध में बैठे ग्रामीण

दंतेवाड़ा|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के ग्राम हिरौली-गुमियापाल के ग्रामीण आरती स्पंज पॉवर लिमिटेड के विरोध में लामबंद हो गए हैं. ग्रामीण किसी भी कीमत पर गांव से एक पत्थर भी कंपनी को खोदने नहीं देना चाहते.

इसके लिए अब ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं. बीच सड़क खाट डाल आदिवासी ग्रामीण बैठ गए हैं और शहर की ओर से आने वाली एक-एक गाड़ी की निगरानी कर रहे हैं. वहीं कंपनी खनन करने के लिए हर हथकंडा अपना रही है.

कुवाकोण्डा तहसील के आरन हिल के नीचे बसे गांव हिरौली-गुमियापाल के ग्रामीण खनन की जद में आने से पहले ही सचेत हो गए हैं.

ग्रामीण कंपनी का खुलकर विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे मर जाएंगे पर आरती स्पंज को एक पत्थर खोदने नहीं देंगे.

इसी संबंध में हाल ही में ग्रामीणों का एक जत्था कलेक्टर और एसपी से भी मिला था.

ज्ञात हो कि पिछले चार-पांच साल से आरती स्पंज कंपनी गुमियापाल के आश्रित ग्राम के आलनार में खनन करना चाहती है.

इसके लिए कंपनी साम-दाम दंड-भेद की नीति अपना रही है. कंपनी का दावा है कि उनके पास खनन के सभी दस्तावेज मौजूद हैं. ग्राम पंचायत का प्रस्ताव भी है. ये सभी दस्तावेज ग्रामीणों की मौजूदगी में तैयार किया गया है.

वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार कंपनी के पक्ष में खड़ी है और कंपनी हमारे पेसा, कानून और अधिकारों का हनन करने में जुटी हुई है.

ग्रामीणों का कहना है कि आज तक किसी भी कंपनी ने कभी भी आदिवासियों का भला नहीं किया है.

आदिवासियों का भला किया होता तो एनएमडीसी के आयरन हिल के आस-पास बसे एक दर्जन से अधिक गांव की दशा-दिशा बदल चुकी होती.

ग्रामीणों का कहना है कि 65 वर्ष से अधिक हो चुका है, एनएमडीसी को स्थापित हुए पर यहां हालात जस के तस हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी द्वारा एक पत्र वायरल किया गया है. जिसे सरपंच दिखाता है और बताता है कि कंपनी काम शुरू करने वाली है. इसके लिए फोर्स की मांग की है.

बीच सड़क खाट डाल बैठे आदिवासी

गुमियापाल और आलनार के ग्रामीण अपने जंगल और जमीन को बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं.

आदिवासी ग्रामीणों का कहना है कि इन दिनों शहर की ओर से आने वाला हर चार पहिया वाहन में कंपनी के कर्मचारी ही दिखते हैं.

अब आदिवासी ग्रामीण कोई भी वाहन को गांव में घुसने से रोककर वापस लौटाने की तैयारी में हैं. इसके लिए ग्रामीण बीच सड़क पर खाट डाल कर बैठ गए हैं.

10 हस्ताक्षर से ही ग्राम सभा का कोरम पूरा कर दिया- सरंपच

गांव के सरपंच का कहता है कि कंपनी के पास साल 2011 का ग्राम सभा का एक पत्र है.

इस पत्र में महज 10 ग्रामीणों के हस्ताक्षर है. कंपनी उसी को ग्राम सभा का अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना बता रही है.

कंपनी कहती है कि इस ग्राम सभा के बाद खुद गांव के लोगों ने कई बार ग्राम सभा की और उसकी कॉपी जिला प्रशासन को सौंपी है.

इसके बाद भी उनकी किसी बात पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

सरपंच ने बताया कि 2017 से ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. इतना ही नहीं आरती स्पंज के विरोध में रैली भी निकाली गई.

तमाम विरोध के बाद भी कंपनी खनन की तैयारी करने में जुट गई है.

लोक सुनवाई में गांव का कोई व्यक्ति नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि जिस गुमियापाल के आश्रित गांव आलनार में आरती स्पंज पॉवर लिमिटेड का प्लांट स्थापित होना है, उस पंचायत का कोई व्यक्ति लोक सुनवाई में मौजूद नहीं था.

यह कथित लोक सुनवाई 30 सितंबर 2016 को हुई थी.

आलनार आयरन और माईनिंग प्रोजेक्ट क्षमता 150000 टीपीए, लगभग 31 हेक्टेयर में खनन करने को लेकर सुनवाई थी.

जबकि यह सुनवाई काष्ठागार दंतेवाड़ा में हुई थी.

कंपनी का दावा है कि इस सुनवाई में जिले के नेता, व्यापारी सहित अन्य गांव के ग्रामीण मौजूद थे.

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