राइस मिल को NOC देने वाले सरपंच का हुक्का पानी बंद
गरियाबंद|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्राम जड़ापदर के ग्रामीणों ने सरपंच का ही हुक्का पानी बंद दिया है. इस घटना से व्यथित सरपंच ने अपने पूरे परिवार के साथ थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की है. सरपंच ने गांव के दर्जन भर लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा गांव में राइस मिल खोलने के लिए एनओसी जारी किया है. जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया है.
इसके बाद भी निर्माण कार्य को रोका नहीं गया. इसी बात को लेकर गांव दो फाड़ में बंट गया है.
ग्रामीणों ने सरपंच पर आरोप लगाया है कि रुपये लेकर गांव के देव स्थल पर राइस मिल बनाने की अनुमति दी है.
वहीं इस मामले में सरपंच हरचंद ध्रुव का कहना है कि पंचायत द्वारा पूरी प्रकिया के तहत विधिवत एनओसी दिया गया है. इससे पहले 2005 से 2023 तक इस जमीन की दो बार बिक्री भी हुई है.
सरपंच का कहना है कि पंचायत यह सोचकर राइस मिल लगाने आनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है कि गांव में उद्योग लग जाने से ग्रामीणों को घर बैठे रोजगार मिल जाएगा.
उपसरपंच ने भी खोला मोर्चा
दूसरी ओर इस मामले को लेकर उपसरपंच और कुछ पंचों ने भी ग्रामीणों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
इन लोगों ने भी ग्रामीणों पर प्रताड़ित करने और शासकीय काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए अलग से शिकायत की है.
इस मामले में थाना प्रभारी रवि हुर्रा का कहना है कि मामले की शिकायत मिली है. सरपंच का हुक्का पानी बंद करने की बात सामने आई है.
हमने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है. उपर से जो भी आदेश-निर्देश होगा, उसके बाद उचित कार्रवाई किया जाएगा.
निजी जमीन का विवाद
अधिकारियों का कहना है कि जहां पर राइस मिल का निर्माण किया जा रहा है, वह निजी जमीन है. इस जमीन का मूल खसरा नंबर 70/1 है.
इस जमीन को ग्राम जाड़ापदर निवासी पदमन पिता जबर सिंह से साल 2000 से 2005 के बीच बच्चन यादव पिता राजगुनी यादव ने खरीदा था. जिसे खसरा बटांकन में 70/2 नंबर मिला.
इसके बाद इसी जमीन के कुछ हिस्से को श्रीराम त्रिवेणी राम ने खरीदा था, जिसे खसरा नंबर 70/3 मिला.
इसके बाद सन 2023 में गुलाम मेमन पिता मो. इकबाल मेमन द्वारा खसरा नंबर 70/1 को खरीदा गया.
खरीदी बिकी के संबंध में ईश्तहार भी जारी किया गया था. उस समय किसी ने दावा-आपत्ति दर्ज नहीं कराया.
राईस मिलर सरफराज मेमन को ग्राम पंचायत से डायवर्सन के लिए प्रस्ताव दिया गया तब भी किसी भी ग्रामीण द्वारा विरोध नहीं किया गया.
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जब पंचायत द्वारा राइस मिल लगाने एनओसी दिया गया तब ग्रामीणों को इसका पता चला. यही कारण है कि ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.