राष्ट्र

सेना ने प्रतिष्ठा बढ़ाई- भागवत

नागपुर | समाचार डेस्क: मोहन भागवत ने कहा सेना ने देश की प्रतिष्ठा बढ़ाई है. मंगलवार को विजयादशमी के पर्व पर संघ की स्थापना दिवस के संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा सेना ने जो काम किया है उससे देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है.

कश्मीर में सेना का काम
कश्मीर में सेना के काम की तारीफ करते हुये संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “हमारी सेना ने जो काम किया है उससे भारत देश की प्रतिष्ठा ऊंची हुई है. हमारे सामरिक बल, सीमा रक्षक और सूचना तंत्र मज़बूत होने चाहिए. कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिये. उपद्रवियों से सख्ती से निपटना चाहिए. सीमा की चौकसी मज़बूती से होनी चाहिये.”

कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग
कश्मीर पर उन्होंने कहा, “कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है. मीरपुर, मुजफ्फ़राबाद, गिलगित और बल्तिस्तान सहित सारा कश्मीर भारत का है. ये बात जो वक्तव्यों में कही जा रही है वो क्रियान्वयन में भी वैसी ही उतरनी चाहिये.”

गोरक्षा संविधान की मर्यादा में
गोरक्षा पर अपने विचार रखते हुये मोहन भागवत ने कहा, “ऐसे विषयों को लेकर जो लोग उपद्रव करते हैं उनके साथ गोरक्षकों की तुलना नहीं होनी चाहिये. शासन को इसे देखना चाहिये. संविधान की मर्यादा में गोरक्षा होनी चाहिये. अगर लोग इस बारे में जागते नहीं हैं तो ख़तरे टले नहीं हैं.”

समाज में एकता बनी रहे
भागवत ने कहा कि, “भारत में संघ-राज्य व्यवस्था है. प्रांतीय दल अपने हित के लिए काम करें, लेकिन देश की एकता और विकास के काम में योगदान करें. विवादों के चलते जनता एक दूसरे के विरोध में खड़ी नहीं होनी चाहिये. देश हित को सबसे आगे रखकर राजनीतिक दलों को काम करना चाहिये. हमें ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे समाज में विभाजन पैदा हो.”

मोहन भागवत के उद्बोधन का सारांश

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