बहुरूपिये फिल्मी कलाकार
मुंबई | एजेंसी: फिल्मों में मेकअप के साथ ही साथ कई बार भेष बदलकर अभिनय करना पड़ता है. इसका ताजा मिसाल अभिनेत्री विद्या बालन की हाल ही में आई अपनी फिल्म ‘बॉबी जासूस’ हैं. जिसमें विद्या बालन को कई बार भेष बदलना पड़ता है.
भेष बदलकर अभिनय करना सबसे कठिन होता है क्योंकि इसमें चरित्र को जीने के साथ साथ ही अपनी स्वंय की अलग पहचान बनाये रखनी होती है. फिल्मी दुनिया में विद्या बालन के अलावा भी कई अभिनेताओं ने इसे पर्दे पर साकार किया है.
इससे पहले अमिताभ बच्चन, शबाना आजमी और कमल हासन जैसे फिल्म कलाकार भी अपनी फिल्मों में पहचान में न आ सकने वाला भेष बदला है.
फिल्म ‘पा’ में विद्या के सहकलाकार रह चुके अमिताभ बच्चन ने प्रोजेरिया नामक बीमारी से ग्रस्त बच्चे के किरदार के लिए भेष बदला था. अमिताभ को उस रूप में पहचान पाना बेहद मुश्किल था.
फिल्म के निर्देशक आर. बालाकृष्णन बताते हैं कि हर रोज अमिताभ का मेकअप करने में मेकअप मैन को चार घंटे का समय लगता था. एक बार मेकअप हो जाने के बाद अमिताभ न तो कुछ खा-पी सकते थे और न ही बाथरूम जा सकते थे.
अभिनेता कमल हासन ने अपनी फिल्म ‘चाची 420’ में एक महिला का भेष बदला था, जो इतना शानदार था कि उन्हें कमल के रूप में पहचान पाना नामुमकिन था. कमल को इस भेष में न सिर्फ अपनी ही बेटी आया का किरदार निभाना था, बल्कि बेटी के नाना अमरीश पुरी को अपने प्यार के जाल में फांसना भी था.
अभिनेत्री शबाना आजमी ने जब निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘मकड़ी’ में एक चुड़ैल का किरदार निभाने के लिए हां की थी, तो उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि चुड़ैल बनने के लिए उन्हें किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ेगा.
शबाना कहती हैं, “यह बेहद डरावना था. मेकअप के बाद जब मैं अपना चेहरा आइने में देखती थी, खुद को ही पहचान नहीं पाती थी. इतना सब होने के बाद मेरे पति का कहना था कि चुड़ैल जैसी दिखने के लिए तुम्हें मेकअप करने की क्या जरूरत है.”
विद्या को भी ‘बॉबी जासूस’ के लिए कितने ही चरित्रों के लिए कितने भेष बदलने पड़े. फिल्म की निर्माता दिया मिर्जा ने बताया कि विद्या को एक बहरूपिये के भेष में तैयार होने के लिए पूरा एक घंटा लगता था, लेकिन मौलवी का रूप सबसे कठिन था, इसमें विद्या को तैयार होने में तीन घंटे लगे थे.