ताज़ा खबर

वेंकैया नायडू बने भारत के नये उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली | संवाददाता: भाजपा नेता वेंकैया नायडू भारत के नये उपराष्ट्रपति के बतौर शपथ ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को वेंकैया नायडू को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई. वेंकैया नायडू के शपथ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वेंकैया पहले उपराष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ था. उन्होंने वेंकैया नायडू के मिलनसार स्वभाव की तारीफ की.

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने वेंकैया नायडू को बधाई देते हुए कहा कि भले ही आप एक पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं, लेकिन अब आपको इस पद पर रहकर न्याय करना है. आजाद ने कहा कि जिस पद पर आप बैठे हैं, उस सीट के पीछे एक तराजू है, जो बार-बार जज, स्पीकर या राज्यसभा चेयरमैन को याद दिलाता है कि वह निष्पक्ष है. आजाद ने कहा कि इस पद पर इंसान सिर्फ इंसान होता है, न्याय करते वक्त न धर्म होता है, न ही उसकी पार्टी होती है. आजाद ने कहा कि इस बात में गरीबी-अमीरी का सवाल नहीं है कि कौन इस पद पर बैठा. इनके पीछे एक ताकत है, वो लोकतंत्र है. उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस, गांधी जी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरकार पटेल, मौलाना आजाद, को कौन भूल सकता है, ऐसे लोग जो संपन्न थे, उन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी और ऐसा संविधान दिया कि आज कोई भी कुछ भी बन सकता है.

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने वेंकैया के बारे में बोलते हुए कहा कि सभापति के रूप में आपका सदन में पहला दिन है, वहीं सदस्य के रूप में मेरा आखिरी दिन है. हमारी दोस्ती 40 साल की रही है, लोग हमसे पूछते थे कि दोनों अलग विचारधारा के होकर भी अच्छे दोस्त कैसे हो सकते हैं. येचुरी ने कहा कि आप अशोक चक्र और न्याय के सिंबल के नीचे बैठे हैं, हमें उम्मीद है कि आप सभी को न्याय से मौका देंगे. येचुरी ने इस दौरान वेंकैया से तेलगु में भी बात कही, उन्होंने कहा कि देश ईंट और पत्थरों से नहीं बल्कि लोगों से बनता है.

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि आपको इस पद के लिए बधाई. लेकिन मैं प्रधानमंत्री जी को कहना चाहूंगा कि गर्वनर और उपराष्ट्रपति के पद पर गैर राजनीतिक रूप के लोग बैठने चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में शोरशराबे के बिना बिल पास होंगे. हमें उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति पद के बाद जो और भी पद हैं वहां पर भी उन्हें पहुंचना चाहिए.

बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश मिश्रा ने कहा कि जब आज मैं यहां पर रहा था तो आपके किसी MP ने कहा था कि सतर्क रहिएगा क्योंकि अब एक सतर्क प्रिंसिपल आ गए हैं, तो मैंने कहा कि हमसे ज्यादा आपको सतर्क रहने की जरुरत है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अब सब बराबर है तो सरकार को भी झटका लग सकता है. हमें उम्मीद है कि ऐसा दिन नहीं आएगा जो 18 जुलाई को आया था, जब मायावती को बोलने का मौका नहीं दिया गया. मंत्रियों ने मायावती के बोलते ही शोर मचाना शुरू किया. कुछ लोगों ने इसलिए शोर मचाया कि वो मंत्री बन सकें. हमें उम्मीद है कि आखिरी बेंच पर बैठने वाला व्यक्ति भी बोले.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!