वर्षा डोंगरेः 32 में सवाल, 376 में जवाब
रायपुर | संवाददाता: वर्षा डोंगरे को छत्तीसगढ़ सरकार ने 32 पन्नों में सवाल पूछे थे.इसका जवाब अगले ही दिन रायपुर सेंट्रल जेल की डिप्टी जेलर वर्षा डोंगरे ने 376 पन्नों दे दिया. लेकिन जवाब दिये जाने की समय सीमा खत्म होने से पहले ही जेल प्रशासन ने वर्षा डोंगरे को निलंबित कर दिया. जेल प्रशासन ने प्राथमिक जांच अधिकारी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा भी नहीं की और उन्हें निलंबित कर दिया.
निलंबन अवधि में वर्षा का मुख्यालय अंबिकापुर जेल को बनाया गया है. हालांकि अभी तक अंबिकापुर जेल प्रशासन को इस आशय की कोई जानकारी नहीं मिली है.
इधर जेल से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि वर्षा डोंगरे को निलंबन आदेश की प्रतिलिपि सोमवार को व्यक्तिगत तौर पर सौंप दी गई है. वर्षा डोंगरे ने जेल अधिकारियों से सोमवार को मुलाकात की और उनसे संबंधित दस्तावेज़ मांगे. जेल अधिकारियों द्वारा बताया गया कि आदेश की मूल प्रति उनके कबीरधाम स्थित निवास पर डाक से भेजा गया है. इसके बाद जेल अधिकारियों ने उन्हें संबंधित आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई.
वर्षा डोंगरे के निलंबन के लिये कहा जा रहा था कि उन्हें बिना बताये अवकाश में जाने के कारण निलंबित किया गया है. लेकिन निलंबन पत्र में साफ लिखा गया है कि आपने सोशल मीडिया में गैरजिम्मेदारी के साथ तथ्यहीन और भ्रामक जानकारी पोस्ट की है. यह अनुशासनहीनता है.
गौरतलब है कि बस्तर में सुरक्षाबलों द्वारा आदिवासी बच्चियों और महिलाओं के साथ बलात्कार और कथित प्रताड़ना के मामले पर रायपुर सेंट्रल जेल की डिप्टी जेलर वर्षा डोंगरे ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट किया था. वर्षा का दावा है कि उन्होंने सीबीआई, सुप्रीम कोर्ट और सरकार के ही दस्तावेज़ों के हवाले से सब कुछ लिखा था. लेकिन सरकार की इस गंभीर आलोचना से हंगामा मच गया.
वर्षा डोंगरे का पोस्ट सार्वजनिक होने के बाद राज्य सरकार ने आनन-फानन में उन्हें रात आठ बजे नोटिस थमा दी. इसके अगले दिन वर्षा ने स्वास्थ्यगत कारणों से चार दिनों का अवकास संबंधी मेल जेल प्रशासन को सौंपा. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा सौंपे गये 32 पन्नों के नोटिस के जवाब में 376 पन्नों का जवाब भी पेश कर दिया. इसके बाद जेल प्रशासन ने बिना स्वीकृति के अवकाश पर जाने और सोशल मीडिया में कथित गैरजिम्मेदारी के साथ तथ्यहीन और भ्रामक जानकारी पोस्ट करने के आरोप में निलंबित कर दिया.