सात महीने से अवकाश पर हैं वर्षा डोंगरे
अंबिकापुर | संवाददाता: वर्षा डोंगरे एक बार फिर से मुश्किल में आ सकती हैं. आरोप है कि वे 10 मई 2017 के बाद से कभी अंबिकापुर आई ही नहीं हैं. हालांकि तथ्यात्मक रुप से यह सही नहीं है. माना जा रहा है कि जेल प्रशासन वर्षा डोंगरे को फिर से घेरने की कवायद में जुट गया है.
फेसबुक पर कथित रुप से सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद रायपुर सेंट्रल जेल की सहायल जेल अधीक्षक वर्षा डोंगरे को निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय अंबिकापुर बनाया गया है लेकिन खबर है कि वे पिछले सात महीने से अवकाश पर हैं.
अंबिकापुर जेल प्रशासन ने उनके अवकाश पर होने को लेकर जेल महानिदेशक को पत्र लिखा है. हालांकि जेल महानिदेशक ने इस संबंध में क्या कार्रवाई की है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
20 दिसंबर को लिखे गये इस पत्र के अनुसार रायपुर केंद्रीय जेल की सहायक जेल अधीक्षक श्रीमती वर्षा डोंगरे 10 मई 2017 को जेल अधीक्षक कार्यालय, अंबिकापुर में उपस्थिति देने के बाद 15 दिनों के अवकाश पर चली गई थीं. इसके बाद से कर्तव्य स्थल पर उपस्थित होने के बजाये उनके द्वारा निरंतर अवकाश वृद्धि हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा रहा है. हालांकि अंबिकापुर जेल अधीक्षक का यह पत्र आधारहीन है क्योंकि 10 मई 2017 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी कुछ दिनों तक वर्षा डोंगरे अंबिकापुर जेल में जाती रही हैं.
माना जा रहा है कि लगातार अवकाश पर होने को आधार बना कर जेल प्रशासन उनके खिलाफ कोई नई कार्रवाई कर सकता है, इसलिये इस तरह का पत्र लिख कर कार्रवाई की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है. हालांकि छत्तीसगढ़ शासकीय सेवा अधिनियम की धारा 30 के तहत निलंबन के दौरान मुख्यालय में आवश्यकता अनुसार उपस्थित होना सुनिश्चित करते हुये कर्मचारी अवकाश पर रह सकता है.
गौरतलब है कि वर्षा डोंगरे पहले भी राज्य सरकार के लिये परेशानी का कारण बनी हुई थीं. उन्होंने राज्य सेवा आयोग में हुई गड़बड़ी की लंबी अदालती लड़ाई लड़ी थी, जिसके बाद राज्य सरकार मुश्किल में आ गई थी. इस मामले में वर्षा डोंगरे के पक्ष में फैसला आया था और राज्य के 52 डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम जैसों की नौकरी पर बन आई थी. फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
इस बीच वर्षा डोंगरे ने राज्य में आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार को लेकर फेसबुक पर जो कुछ लिखा, उसमें सरकार को कटघरे में रखा गया था. वर्षा ने इस पोस्ट के बाद छुट्टी ली लेकिन जेल प्रशासन ने उनकी छुट्टी के आवेदन को अस्वीकार किया और इसके बाद आनन-फानन में जेल प्रशासन ने वर्षा डोंगरे को निलंबित कर दिया.