वर्षा डोंगरे पहुंची अंबिकापुर फिर लिया अवकाश
रायपुर | संवाददाता : रायपुर की डिप्टी जेलर पद से निलंबित वर्षा डोंगरे फिर से अवकाश पर चली गई हैं. उन्होंने बुधवार को अंबिकापुर जेल में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई और फिर उन्होंने अवकाश ले लिया.
इधर जेल प्रशासन ने अभी तक वर्षा डोंगरे को कोई आरोप पत्र नहीं सौंपा है. फेसबुक पर किये गये कथित सरकार विरोधी पोस्ट को लेकर सरकार की ओर से जारी 32 पन्नों के सवाल के जवाब में उन्होंने 376 पन्ने में अपना पक्ष जेल प्रशासन को सौंपा था.
लेकिन मेल पर सूचना दे कर अवकाश पर जाने और अवकाश रद्द किये जाने के बाद भी काम पर वापस नहीं लौटने के संबंध में अब तक कोई आरोप पत्र जेल प्रशासन ने जारी नहीं किया है.
जेल प्रशासन ने मीडिया को लगातार यही जानकारी दी थी कि वर्षा डोंगरे काम पर अनुपस्थित थीं, इसलिये उन्हें निलंबित किया गया लेकिन मंगलवार को यह बात सार्वजनिक हुई कि जेल प्रशासन उनके सोशल मीडिया के पोस्ट से नाराज़ था.
जेल प्रशासन ने उन्हें निलंबन पत्र जारी करते हुये लिखा-कु. वर्षा डोंगरे, सहायक जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल रायपुर द्वारा मीडिया में गैर-जिम्मेदारी तरीके से गलत एवं भ्रामक तथ्यों का उल्लेख करने एवं अनाधिकृत रूप से कर्तव्य से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलंबन काल में इनका मुख्यालय केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर रहेगा तथा इन्हे नियमानुसार निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी.
पिछले महीने की 28 तारीख को वर्षा ने एक वाट्सऐप ग्रूप में सुरक्षाबल के कुछ लोगों द्वारा आदिवासियों के खिलाफ टिप्पणी किये जाने पर एक पोस्ट लिखा था.
इस पोस्ट मे उन्होंने सुरक्षा बलों पर की गंभीर आरोप लगाये थे और सुझाव दिया था कि आदिवासियों की समस्याओं को केंद्र में रख कर समस्या सुलझाई जा सकती है. इस टिप्पणी को उन्होंने बाद में अपने फेसबुक वॉल पर भी पोस्ट किया था. इसके बाद उनका पोस्ट वायरल हो गया.
वर्षा ने बस्तर में काम करने के दौरान अपने अनुभव साझा किये थे कि किस तरह नाबालिग आदिवासी लड़कियों के स्तन और हाथों में करंट लगा कर उन्हें सुरक्षाबलों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है.
उन्होंने सरकार की कड़ी आलोचना करते हुये कहा था कि सरकार पूंजीपतियों के साथ मिल कर साजिश रच रही है. उन्होंने कहा कि आदिवासी नक्सलवाद का खात्मा चाहते हैं लेकिन नक्सलवाद का खात्मा करने के नाम पर देश के रक्षक आदिवासियों की इज्जत लूट रहे हैं, उनके घरों को जला रहे हैं और उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दायर कर उन्हे जेलों में सड़ने के लिये भेजा जा रहा है.