इराक में अमरीकी बमबारी जारी
बगदाद | समाचार डेस्क: अमरीकी विमानों ने इराक के आतंकवादियों पर हमला तेज कर दिया है. अमरीकी एफ 18 विमानों ने उत्तरी इराक पर दो और हमले किये हैं. उधर इराकी चरमपंथियों के कारण हजारों अल्पसंख्यकों ने पलायन शुरु कर दिया है. इराक में सद्दाम हुसैन के समय मारे गये अमरीकी सैनिकों की संख्या तथा खर्च का जनता द्वारा विरोध किये जाने के कारण बराक ओबामा फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहें हैं.
आने वाले दो दिनों में अमरीकी हवाई हमला तेज हो जायेगा तथा इराकी सेना अपने खोये हुए प्रभाव क्षेत्रों पर काबिज हो जायेगी, ऐसी संभावना रक्षा विशेषज्ञ व्यक्त कर रहें हैं.
इससे पहले अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को घोषणा की कि अमरीकी सेना ने इराक में सक्रिय इस्लामिक स्टेट, आईएस के सुन्नी आतंकवादियों के खिलाफ लक्षित हमला शुरू कर दिया है. सेना ने उत्तरी इराक में आतंकवादियों के मोबाइल आर्टिलरी पर दो लेजर गाइडेड बम गिराए हैं.
पेंटागन ने बयान में कहा है कि एफ ए-18 लड़ाकू विमानों ने 225 किलो के दो लेजर गाइडेड बम गिराए हैं. पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक आपात विज्ञप्ति में कहा है, “यह अभियान वास्तव में इरबिल में अमरीकी सैनिकों की रक्षा और बगदाद के भीतर एवं उसके आसपास खतरे को टालना है.”
किर्बी ने कहा है, “और यही एक महत्वपूर्ण बिंदु है जब इस खतरे का सामना कर रहे इराकी सुरक्षा बलों को मदद दी जाए.” “यह उनके देश के भीतर उत्पन्न खतरा है जो लोगों के लिए, उनकी संप्रभुता के लिए और अंतत: यह एक इराकी संघर्ष के लिए लड़ाई है.”
इरबिल के कई क्षेत्रों से कुर्दिश सेना के पीछे हटने के कारण बहुत से हथियार आतंकवादियों के हाथ लग गए हैं. वाशिंगटन उन हथियारों को भी वापस लेना चाहता है.
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को कहा था कि उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर आईएस आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले करने की मंजूरी दे दी है. अपने बयान में ओबामा ने कहा कि उन्होंने इराक में दो आपरेशन करने के निर्देश दिये हैं. पहला कि अमरीकी नागरिकों की सुरक्षा की जाये तथा पहाड़ों पर फंसे इराकी लोगों को मानवीय सहायता दी जाये.
गौरतलब है कि करीब 40 हजार इराकी पहाड़ पर फंसे हुए हैं जिन्हे मदद की जरूरत है.
आईएस आतंकवादियों ने इराक में सुन्नी बहुल क्षेत्रों पर कब्जा जमाने के बाद कुर्दिश क्षेत्रों की तरफ भी बढ़त बना ली है और देश के सबसे बड़े बांध पर भी कब्जा कर लिया है.
ओबामा ने कहा है कि उन्होंने अमरीकी सेना को निर्देश दिया है यदि आतंकवादी अमरीकी नागरिकों और वहां मौजूद सैन्यकर्मियों के लिए खतरा बन रहे हों तो उस दशा में उन पर हमला किया जाए.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस्लामिक स्टेट के द्वारा हमले की निंदा की है और हमलों के कारण हजारों की संख्या में इराकियों के विस्थापन पर ‘गहरी चिंता’ जताई है.
उत्तरी इराक में कुर्दिश क्षेत्र तक पहुंचने के प्रयास में हजारों शरणार्थी पहाड़ों की तरफ भागे, लेकिन पहाड़ों और कुर्द क्षेत्र के बीच सैनिक गतिविधि के कारण फंस गए हैं और भोजन-पानी के लिए तरस रहे हैं.
सीरिया में भी सक्रिय आतंकवादियों ने इराक के विभिन्न हिस्सों में दबाव बढ़ा लिया है. आतंकवादी कुर्दिश सेना और केंद्र सरकार के सैनिकों के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं.
इस बीच इराक के वरिष्ठ शिया मौलवी आयतुल्लाह अली सिस्तानी ने इराकियों से एकजुट हो कर इस्लामिक स्टेट से मुकाबला करने को कहा है.