भारत को 145 होवित्जर बंदूकें बेचेगा अमरीका
वॉशिंगटन | एजेंसी: अमेरिका ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के तौर पर भारत को 88.3 करोड़ डॉलर में 145 एम777 लाइट-वेट टोड होवित्जर बंदूक बेचने का प्रस्ताव पेश किया है. यह जानकारी अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने दी.
अमेरिका ने कहा कि इन हथियारों की बिक्री से दक्षिण एशियाई क्षेत्र में आधारभूत सैन्य शक्ति संतुलन में बदलाव नहीं आएगा.
पेंटागन की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने दो अगस्त को कांग्रेस को भारत को होवित्जर की संभावित बिक्री की अधिसूचना दी थी. 88.3 करोड़ डॉलर की अनुमानित कीमत के साथ बंदूक के साथ इस सौदे के तहत लेजर इंटेरियल आर्टिलरी प्वाइंटिंग सिस्टम्स (एनआईएलएपीएस), सहायक उपकरण, पुर्जे, प्रशिक्षण और ढुलाई सहयोग भी जुड़ा हुआ था.
अधिसूचना में कहा गया था, “भारत होवित्जर का उपयोग अपनी हथियारबंद सेना के आधुनिकीकरण में करना चाहता है और खतरनाक परिस्थितियों में काम करते रहने की अपनी क्षमता को बढ़ाना चाहता है. भारत को इन हथियारों को अपनी सेना में शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी.”
अधिसूचना में कहा गया, “भारत के अनुरोध पर यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंध को मजबूत करने में सहायता करेगी और अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान करेगी और यह नीति एक महत्वपूर्ण साझेदार की सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगी, जो लगातार दक्षिण एशिया में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक विकास का समर्थन करता है.”
इसमें कहा गया कि इस उपकरण की प्रस्तावित बिक्री और सहयोग से क्षेत्र में आधारभूत सैन्य शक्ति संतुलन में बदलाव नहीं होगा. इस प्रस्तावित बिक्री से अमेरिका की रक्षा तैयारी प्रभावित नहीं होगी.
इस सौदे में वारंटी, स्पेयर और रिपेयर के पुर्जे, सहयोग और परीक्षण उपकरण, प्रकाशन और प्रौद्योगिकी दस्तावेजीकरण, रखरखाव, कर्मियों को प्रशिक्षण और प्रशिक्षण उपकरण, इंजीनीयरिंग और ढुलाई सहयोग सेवा जैसी बातें जुड़ी होंगी.
प्रस्तावित हथियार एम198 होवित्जर की अगली पीढ़ी है. कनाडा और आस्ट्रेलिया की सेना भी इस हथियार का उपयोग कर रही है. अफगानिस्तान युद्ध में भी इसका इस्तेमाल किया गया है.