शहरों में ‘आप’ की हवा
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सी-वोटर द्वारा कराये सर्वे के मुताबिक देश के शहरों में आम आदमी पार्टी की हवा है. इस सर्वे से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि 75 फीसदी लोग अरविंद केरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं. इसके अलावा 51 फीसदी लोगों
की राय है कि आम आदमी पारटी के लोग ईमानदार हैं. इंडिया टुडे तथा सी-वोटर द्वारा लोकसभा चुनाव पूर्व कराये गये सर्वे के नतीजों को गुरुवार को प्रसारित किया गया.
यह सर्वे देश के 24 राज्यों के राजधानियों में कराया गया है. इस कारण यह सर्वे शहरी तथा महानगरों के लोगों की राय को व्यक्त करता है. जब लोगों से पूछा गया कि आप ने आम आदमी पार्टी का नाम सुना है तो 89 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया तथा 11 फीसदी लोगों ने इस पार्टी का नाम पहली बार सुना बताया.एक ऐसी पार्टी जिसे बने सालभर हुए हो उसे यदि 89 फीसदी लोग जानते हैं तो इसे एक बड़ी उपलब्धि कहना चाहिये.
क्या आप अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं तो 75 फीसदी लोगों ने बताया कि वे अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं. केवल 18 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया. जिस अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने अभी पखवाड़े से ज्यादा नहीं हुआ है उसका प्रसिद्धि का शहरी क्षेत्रों मे इसी से अंदाज लगाया जा सकता है. मालूम होता है कि आम आदमी पार्टी द्वारा बिजली की कीमतं को आधा कर दिये जाने से लोग अत्यंत प्रभावित हैं.
आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की संभावना के बारे में पूछने से 23 फीसदी ने कहा कि इन्हें बहुमत मिलेगा जबकि 30 फीसदी ने माना कि कड़ा मुकाबला होगा. वहीं 31 फीसदी का मानना है कि आम आदमी पार्टी को कुछ सीटें मिल सकती हैं.
इसी के साथ 72 फीसदी लोगों की राय है कि आम आदमी पार्टी, आम आदमी का प्रतिनिधित्व करता है.जब सर्वे में भाग ले रहे लोगों से आम आदमी पार्टी की व्याखा करने को कहा गया तो 51 फीसदी ने उसे ईमानदार पार्टी माना है. वहीं 7 फीसदी ने बहुमुखी प्रतिभा का धनी और 14 फीसदी ने इन्हें आदर्शवादी करार दिया है. जबकि 6 फीसदी ने इन्हें अवसरवादी तथा 2 फीसदी ने अव्यवहारिक माना है.
इस प्रकार यह नतीजा निकाला जा सकता है कि शहरों के 72 फीसदी लोगों की आम आदमी पार्टी की व्याखा सकारात्मक है.आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार विरोधी रुख पर 43 फीसदी लोग उनके साथ हैं लेकिन 14 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने का विरोध किया है. सर्वे में बताया गया है यह आकड़ा 3 फीसदी कम-ज्यादा हो सकता है अर्थात इस आकड़े को 3 फीसदी कम या ज्यादा करके भी देखा जा सकता है.
गौर करने वाली बात यह है कि अरविंद केजरीवाल न तो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के समान अच्छे वक्ता हैं और न ही उनके पास कांग्रेस के राहुल गांधी को समान कोई राजनीतिक विरासत है.
सबसे गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली की सत्ता संभालने के एक पखवाड़े के भीतर ही आम आदमी पार्टी ने मोदी बनाम राहुल गांधी के चुनाव को ‘आप’ बनाम भाजपा बना दिया है. गुरुवार को सी-वोटर के सर्वे से इस बात का खुलासा होता है कि कम से कम शहरों में ‘आप’के पक्ष में हवा चल रही है.