गृह मंत्रालय ने जलाई 11 हजार फाइलें?
नई दिल्ली | एजेंसी: केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों हजारो फाइलों को नष्ट कर दिया है. इसको लेकर सोमवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों ने सवाल उठाये हैं. विपक्षी सांसदों ने नष्ट किये गये फाइलों का ब्योरा मांगा है.
जनता दल, युनाइटेड के नेता के.सी. त्यागी ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा, “गृह मंत्री का बयान अस्पष्ट है. मंत्री को नष्ट की गई फाइलों का ब्यौरा देना चाहिए.”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने फाइलों को नष्ट करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए.
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, “प्रत्येक फाइल पर केवल 45 सेकंड में फैसला लिया गया. क्या यह पहले से तय था? यही वजह है कि इतिहास के पुनर्लेखन की कोशिश के आरोप लगाए गए हैं.”
उन्होंने कहा, “भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां राष्ट्रीय लेखागार में फाइलों को स्थानांतरित करने के संबंध में कोई नियम नहीं है. हमें मुगलकाल, ब्रिटिश काल के भी फाइल मिल सकते हैं, लेकिन स्वतंत्र भारत के नहीं.”
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सवाल उठाया कि क्या इन फाइलों को इलेक्ट्रानिक तरीके से रिकॉर्ड किया गया. उन्होंने कहा, “फाइलों की सूक्ष्म फिल्म बनाई जा सकती थी.”
विभिन्न रपटों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1.5 लाख फाइल नष्ट किए. सांसदों ने इसी संदर्भ में उनसे ब्यौरा मांगा. राजनाथ ने शुक्रवार को ऊपरी सदन में कहा था कि साफ-सफाई के दौरान केवल11,100 फाइलों को नष्ट किया गया.
सदन के सदस्यों ने गृह मंत्री के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी फाइलों को नष्ट नहीं किया गया है. विपक्ष ने पूछा कि क्या अन्य ऐतिहासिक फाइलों को नष्ट किया गया है?
आजाद ने पूछा, “क्या किन्हीं अन्य ऐतिहासिक फाइलों को नष्ट किया गया है?”
तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने सरकार से पूछा कि नष्ट की गई फाइलों में क्या सुभाष चंद्र बोस से जुड़े दस्तावेज भी शामिल हैं?
केंद्रीय गृह मंत्री ने शुक्रवार को ऊपरी सदन में कहा था, “05.06.2014 से 08.07.2014 के बीच कुल 11,100 फाइलों को नष्ट किया गया.”
उन्होंने कहा था, “मैं सदन को सूचित करना चाहूंगा कि 11,100 नष्ट की गई फाइलों में कोई भी महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी हुई नहीं है.”