बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. फेंगल तूफान के कारण शनिवार से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. इस दौरान रुक-रुक कर हुई बारिश से किसानों को दोहरा नुकसान हुआ है. एक तो फसल गिरने से उत्पादन कम होगा, वहीं धान के पौधों में नमी आ जाने से कटाई का काम भी रुक गया है.
फेंगल तूफान का असर पूरे छत्तीसगढ़ में दिखाई दे रहा है.
पिछले तीन दिनों से दिन भर बादल छाए रहने और हल्की-हल्की बारिश के कारण खेतों में खड़ी पकी फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है.
बारिश और तेज हवा की वजह से धान के पौधे खेत में गिर गए हैं.
बारिश की वजह से धान में नमी बढ़ गई है. जब तक दो-तीन दिनों तक तेज धूप नहीं निकलेगी धान सूख नहीं पाएगा.
बारिश से खेत की मिट्टी भी गीली हो गई है. इस वजह से अब धान कटाई के लिए किसानों को खेतों के सूखने का इंतजार करना पड़ेगा.
कहीं-कहीं ज्यादा बारिश हुई है, वहां फसल गिरकर पानी में डूब गई है. पानी में भीगने से धान अंकुरित होने का खतरा बढ़ गया है.
खुले आसमान के नीचे पड़े हैं धान
प्रदेश के लगभग आधे किसान धान कटाई कर चुके हैं, लेकिन वे भी फसल को खलिहान में रखे हुए हैं.
हालांकि कई इलाकों में किसानों ने किसी तरह कटी हुई फसल को ढक कर बारिश से तो बचा लिया है लेकिन फिर भी धान में नमी आ गई है.
इनमें से ऐसे किसान ज्यादा परेशान हैं, जिन्हें एक-दो दिनों में धान बेचना है और टोकन जारी हो गया है.
इन किसानों को नमी बढ़ने की वजह से धान बेचने में परेशानी होगी. क्योंकि सोसायटी में 17 फीसदी से अधिक नमी होने पर खरीदी नहीं होगी.
ऐसे में किसानों को खरीदी केन्द्रों से वापस लौटा दिया गया तो वे काफी परेशानी में फंस जाएंगे. बड़ी मुश्किल से टोकन हासिल करने वाले इन किसानों को, फिर कब टोकन मिलेगा कुछ कहा नहीं जा सकता.
समितियों में ढंके तिरपाल
बैमौसम बारिश ने धान खरीदी पर भी खतरा मंडरा रहा है. अगर मौसम का यही हाल रहा तो धान की खरीदी भी प्रभावित हो सकती है.
समितियों में खुले आसमान के नीचे पड़े धान के खराब होने का खतरा बढ़ गया है.
हालांकि कम बारिश की वजह से तिरपाल ढंककर धान को बचा लिया गया है.
जिन खरीदी केंद्रों पर तिरपाल की व्यवस्था नहीं थी, वहां जरुर नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चक्रवाती तूफान फेंगल के कारण प्रदेश में हो रही बारिश को देखते हुए धान को बारिश से बचाने के लिए अधिकारियों को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. वहीं खाद्य मंत्री ने सभी कलेक्टरों को धान को बारिश से बचाने पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.