राष्ट्र

छात्रों, पत्रकारों पर हमला क्यों?

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: जेएनयू कैंपस से शुरु विवाद के बाद भारतीय राजनीति में अब उग्रराष्ट्रवाद अपने चरम पर है. जब राष्ट्रवाद के नाम पर छात्रों तथा घटना को कवर करने पहुंचे पत्रकारों पर हमला किया जा रहा है. जेएनयू के छात्रों और पत्रकारों पर सोमवार को अदालत में वकीलों के एक गुट ने हमला किया. पुलिस वहां पर मूक दर्शक बनी देखती रही. जिन पत्रकारों के साथ मारपीट की गई उनमें आईएएनएस, इंडियन एक्सप्रेस, आईबीएन7 तथा डीएनए के पत्रकार हैं. घटना के समय के तस्वीरों से जान पड़ता है कि भाजपा के दिल्ली के विधायक ओपी शर्मा छात्रों को पीटने वालों में शामिल थे. प्रत्यक्षदर्शियों से यह जानकारी मिली. आईएएनएस संवाददाता अमिय कुमार कुशवाहा पर अदालत कक्ष के अंदर हमला किया गया, जबकि कई अन्य पत्रकारों पर अदालत परिसर में वकीलों के एक गुट ने हमला. हमला करनेवाला वकीलों का दल भारत माता की जय के नारे लगा रहा था.

यह घटना तब हुई, जब अदालत में जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पेशी के लिए लाया जा रहा था. उन्हें राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

आईएएनएस के कुशवाहा ने बताया कि कुछ वकीलों ने लगातार उन्हें थप्पड़ मारे. कुशवाहा ने कहा, “जिन्होंने मुझपर हमला किया, मैं उन्हें नहीं जानता. मैं वहां से भागने की कोशिश कर रहा था. सौभाग्य से जो वकील मुझे जानते थे, उन्होंने आकर मुझे बचाया.”

इंडियन एक्सप्रेस के संवाददाता आलोक सिंह ने कहा कि अदालत कक्ष के बाहर कुछ पत्रकार खड़े थे. तभी कुछ वकीलों ने जेएनयू के छात्रों पर हमला बोल दिया और वे उन्हें जबरदस्ती अदालत कक्ष से बाहर ले जाने लगे.

उन्होंने कहा, “जब मैं अपने मुख्य संवाददाता को इस घटना की जानकारी दे रहा था, तभी उन्होंने मुझपर हमला बोल दिया. मैं उन्हें बार-बार कह रहा था कि मैं एक पत्रकार हूं और मेरा काम घटना की खबर देना है, लेकिन वे लगातार मुझ पर लात-घूंसे बरसा रहे थे. उन्होंने मेरा मोबाइल छीन कर तोड़ दिया. मैंने देखा कि वे बिना किसी कारण के दूसरे पत्रकारों पर भी हमला कर रहे थे.”

कुशवाहा ने कहा कि उनपर अदालत कक्ष के अंदर हमला हुआ, जहां वह कन्हैया कुमार की पेशी का इंतजार कर रहे थे. कुमार को कथित रूप से राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.

जिन अन्य पत्रकारों पर हमला किया गया, उनमें आईबीएन7 के अमित पांडे और डीएनए के अजान शामिल हैं.

पत्रकारों ने कहा कि वहां भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली के विधायक ओ.पी. शर्मा अदालत कक्ष के बाहर जेएनयू के एक छात्र को दौड़ा रहे थे और उसकी पिटाई कर रहे थे.

इस घटना की शुरुआत तब हुई, जब अदालत कक्ष में वकीलों के एक दल ने नारेबाजी की. उन्होंने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए जेएनयू छात्रों और पत्रकारों को कक्ष से बाहर जाने को कहा. हालांकि बाहर क्यों जाने को कहा, इसका उन्होंने कोई कारण नहीं बताया.

जेएनयू के कुछ छात्रों ने बताया कि वे भारत माता की जय और जेएनयू को बंद करो के नारे लगा रहे थे.

खास बात यह कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मध्य में स्थित अदालत कक्ष और परिसर में भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद यह हिंसक घटना हुई.

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