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उद्धव ने शिंदे से पूछा- हवा में टोपी नहीं उड़ी तो मूर्ति कैसे गिरी

मुंबई| डेस्कः महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद से राज्य की राजनीति गरमा गई है.

विधानसभा चुनाव के करीब होने के कारण विपक्ष इस पर सरकार को घेरने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है.

महाविकास अघाड़ी ने इस मामले को लेकर बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस लेकर महायुति सरकार पर जमकर हमला बोला.

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महायुति सरकार दावा कर रही है कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा हवा के कारण गिरी है. सरकार इस गंभीर मामले को हल्के में ले रही है. सरकार का यह दावा बेतुका और बेशर्मी से भरा हुआ है.

उन्होंने कहा कि जब भगत सिंह कोश्यारी समुद्र किनारे राजभवन में रहते थे, तो उनकी टोपी कभी नहीं उड़ी, फिर मूर्ति हवा से कैसे गिर सकती है.

उन्होंने शिंदे सरकार से इस्तीफे की मांग की है.

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर के उस बयान की भी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने से कुछ अच्छा हो सकता है.

उद्धव ठाकरे ने इस घटना के विरोध में 1 सितंबर को मुंबई में एक मार्च आयोजित करने का भी ऐलान किया है.

शरद पवार और नाना पटोल ने बोला हमला

इस घटना को लेकर शरद पवार ने भी सरकार पर हमला बोला है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती. कहीं भी मूर्ति लगाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक होती है.

नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ये लोग शिवद्रोही हैं और शिवाजी महाराज का अपमान कर रहे हैं.

ज्ञात हो कि सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को गिर गई थी.

इस प्रतिमा का अनावरण पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था.

आदित्य ठाकरे और नारायण राणे के समर्थक भिड़े

महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के कारण आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है.

बुधवार को शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे और भाजपा नेता नारायण राणे के समर्थक आपस में भिड़ गए थे.

दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ बुधवार को सिंधुदुर्ग में उस स्थान पर पहुंचे थे, जहां मराठा साम्राज्य छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरी थी.

नारायण राणे के साथ उनके बड़े बेटे नीलेश राणे भी थे.

दोनों नेता अपने समर्थकों से साथ किले के भीतर जाने लगे, इसी बीच दोनों पार्टियों के समर्थक आपस में भिड़ गए.

देखते-देखते मामला काफी बढ़ गया और तनाव का माहौल बन गया.

पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति को संभाला.

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