छत्तीसगढ़ में फिर दो हाथियों की मौत
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों की असमय मौत का सिलसिला जारी है. मंगलवार को भी धमतरी और रायगढ़ ज़िले में एक-एक हाथियों की मौत हो गई.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सरगुजा संभाग में तीन दिनों में 3 हाथी मारे गये थे. इस मामले में 4 अधिकारियों को निलंबित किया गया था और डीएफओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.
अब मंगलवार को धमतरी और रायगढ़ ज़िले में दो हाथियों की मौत हो गई है.
रायगढ़ ज़िले के धरमजयगढ़ रेंज के गेरसा गाँव में मंगलवार के एक नर हाथी का शव मिला है. पुलिस का कहना है कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई है. पानी के बोर के लिये लगाये गये बिजली की तार की चपेट में आ कर हाथी की मौत की बात कही जा रही है. इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
इसी तरह धमतरी ज़िले के केरेगांव वन परिक्षेत्र के मैडमसिल्ली के जंगल में एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई. अधिकारियों का कहना है कि 21 हाथियों का एक दल गरियाबंद से धमतरी ज़िले में पहुंचा था. वहीं कथित रुप से दलदल में फंस कर एक हाथी की मौत हो गई.
कॉलर आईडी फेल
छत्तीसगढ़ में लगभग 350 हाथियों का दल है, जो लगातार इधर से उधर भटक रहे हैं.
पिछले कुछ सालों में घने जंगलों में कोल खनन के कारण इन हाथियों का प्राकृतिक रहवास तहस-नहस हुआ है, जिसके कारण हाथी अब आबादी वाले इलाके में प्रवेश करने लगे हैं. हालात ये हैं कि राजधानी नया रायपुर के इलाके में भी हाथी पहुंचने लगे हैं.
इसके अलावा बरसों से अछूते रहे बस्तर के इलाकों में भी हाथी पहुंचने लगे हैं.
राज्य सरकार ने हाथियों की कॉलर आईडी लगाने में लाखों रुपये खर्च किये हैं लेकिन इसका भी कोई लाभ नहीं हुआ है. जिन आठ हाथियों को कॉलर आईडी लगाई गई थी, उसमें से एक हाथी का तो कॉलर आईडी ही जंगल में गिरा हुआ मिला था.
इसी तरह सरगुजा संभाग में जिन हाथियों की मौत हुई है, उस दल के हाथी को भी कॉलर आईडी लगाई गई थी. लेकिन इस हाथी की मौत की खबर भी तीन दिन बाद तब मिली, जब हाथी का शव सड़ने लगा और उसमें बदबू आने लगी थी.