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160 नग पेंगोलिन शल्क के साथ दो गिरफ्तार

रायपुर. संवाददाताः छत्तीसगढ़ और ओडिशा वन विभाग की संयुक्त टीम ने पेंगोलिन तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने ओडिशा से दो पेंगोलिन तस्करों को गिरफ्तार किया है.

आरोपियों के पास से 160 पेंगोलिन शल्क बरामद किए गए हैं.संभव है, यह दो या तीन पेंगोलिन के शल्क हों.

दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है. मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.

उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि सीमावर्ती राज्य ओडिशा के नबरंगपुर जिले के अंतर्गत ग्राम तेंतुलीखूंटी में बड़ी संख्या में पेंगोलिन शल्क की तस्करी की सूचना मिली थी.

सूचना पर ओडिशा वन विभाग से संपर्क कर उदंती-सीतानदी की एंटी पोचिंग टीम रवाना की गई.

टीम ने ओडिशा के कालाहांडी वन मंडल और डायरेक्टरेट आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के साथ संयुक्त आपरेशन कर 9 जून को नबरंगपुर-कालाहांडी बार्डर के पास से दो तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई.

मामले में ग्राम माहुलपटना, जिला कांलाहांडी निवासी भास्कर माझी, पिता दिबन माझी, उम्र 22 वर्ष और ग्राम तेंतुलीखूंटी, जिला नबंरगपुर निवासी लक्ष्मण माझी उम्र 35 वर्ष को घेराबंदी कर 160 नग पेंगोलिन शल्क के साथ धुलूघाटी, नबरंगपुर-कालाहांडी बार्डर के पास से गिरफ्तार किया गया.

आरोपियों के पास से तस्करी में इस्तेमाल एक मोटरसाइकिल और 2 नग मोबाइल भी जब्त किए गए हैं.

आरोपियों को पकड़कर विस्तृत पूछताछ के लिए वन परिक्षेत्र जयपटना ले जाया गया है.

दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है.

प्रकरण में कुछ अन्य लोगों के भी शामिल होने की जानकारी है, जिनकी तलाश की जा रही है.

छत्तीसगढ़-ओडिशा पेंगोलिन तस्करी का गढ़

छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र से बड़ी संख्या में पेंगोलिन की तस्करी होती है. यह क्षेत्र साल के जंगलों से घिरा हुआ है.

पेंगोलिन साल के जंगलों में बहुतायत में पाए जाते हैं.

पेंगोलिन दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी होने वाला वन्य प्राणी है.

इसके साथ कई तरह के अंधविश्वास जुड़े हुए हैं, जिसकी वजह से इसकी तस्करी होती है.

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