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तुंगभद्रा बांध टूटा, कृष्णा और तुंगभद्रा में बाढ़

कर्नाटक | डेस्कः कर्नाटक में भारी बारिश से तुंगभद्रा बांध टूट गया है. क्षमता से अधिक पानी जमा हो जाने के कारण गेट नंबर 19 के टूट जाने से 35 हजार क्यूसेक पानी बह गया.

बचाव और मरम्मत के लिए बांध के सभी 31 गेट खोल दिए गए हैं, जिस वजह से तुंगभद्रा और कृष्णा नदी में बाढ़ आ गई है.

बाढ़ कर्नाटक सहित आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को भी प्रभावित कर सकता है.

इसे लेकर राज्य सरकारों ने नदी के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की है.

कर्नाटक में पिछले 10 दिनों से तेज बारिश हो रही है. लगातार बारिश से तुंगभद्रा बांध में पानी का आवक काफी बढ़ गया था.

बांध में 24 घंटे में 80 हजार क्यूसेक पानी आ रहा था.

बांध में क्षमता से अधिक पानी भर जाने के कारण शनिवार की रात बांध के गेट की एक चेन टूट गई. इससे बांध के गेटों पर अचानक से पानी का दबाव बढ़ गया और 19 नंबर गेट ढह गया.

अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो दशकों में बांध में ऐसा पानी कभी नहीं भरा था.

पिछले सालों में बांध में आमतौर पर 19 से 20 टीएमसी फीट पानी जमा होता था.

तुंगभद्रा बांध के 33 गेटों से छोड़ा जा रहा है पानी

19 नंबर गेट के टूटने की ख़बर के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों का कहना है कि 19 नंबर गेट की मरम्मत के लिए और पानी छोड़ना पड़ेगा.

यही कारण है कि तुंगभद्रा बांध से सभी 33 गेट खोल दिए गए हैं.

फिलहाल बांध से लगभग एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

तुंगभद्रा बोर्ड के अनुसार बांध में पानी की क्षमता 133 टीएमसी फीट है, लेकिन गाद के कारण यह घटकर 105.78 टीएमसी फीट रह गई है.

कृष्णा नदी के किनारे रहने वालों को किया गया सतर्क

तुगंभद्रा बांध के सभी गेटों से पानी छोड़े जाने के कारण कृष्णा नदी में पानी का प्रवाह काफी बढ़ गया है.

जिसे देखते हुए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नदी किनारे रह रहे लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है.

तुंगभद्रा बांध से कर्नाटक के कोप्पला और रायचूर सहित अविभाजित बल्लारी जिलों को पीने और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है.

इसी तरह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अनंतपुर, कुरनूल और कडप्पा जिले भी इसी बांध के पानी पर आश्रित हैं.

तुंगभद्रा बांध कर्नाटक का महत्वपूर्ण जल स्रोत और बाढ़ नियंत्रण का काम करता है.

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