राष्ट्र

तृप्ति ने दरगाह के बाहर से इबादत की

मुंबई | समाचार डेस्क: तृप्ति देसाई ने मुंबई के हाजी अली दरगाह में बाहर से इबादत की. उनके साथ उनके संगठन के कई कार्यकर्ता भी थे. दरगाह में इबादत के बाद तृप्ति ने कहा कि अगली बार वे दरगाह के अंदर पाक स्थल पर जाकर इबादत करेगी. तृप्ति ने 15 दिनों के भीतर दरगाह में महिलाओं को प्रवेश देने की मांग की है. वहीं दरगाह के ट्रस्टी ने इस ‘अल्पसंख्यक ट्रस्ट’ को बचाने की अपाल की है.

भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई और उनकी कई कार्यकर्ताओं को गुरुवार को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच मशहूर हाजी अली दरगाह में प्रवेश करने दिया गया. पुलिस के साथ आई तृप्ति और उनकी समर्थकों ने प्रचलित रीति-रिवाजों का पालन किया और दरगाह के पाक स्थान के बाहर इबादत की, जैसा कि दरगाह ट्रस्ट ने उन्हें इजाजत दी थी और कुछ मिनट बाद वहां से चली गईं.

तृप्ति ने बाद में संवाददाताओं को बताया, “मैंने दुआ मांगी कि महिलाओं को दरगाह के पाक स्थल में जाने की इजाजत मिलनी चाहिए..हम अगली बार वहां इबादत करने की कोशिश करेंगे.”

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दरगाह ट्रस्ट ने 15 दिनों के भीतर महिलाओं को उस जगह प्रवेश की अनुमति नहीं दी, जहां पुरुषों को जाने की इजाजत है, तो वह विरोध-प्रदर्शन शुरू करेंगी.

तृप्ति ने कहा, “यह धार्मिक स्थलों पर लैंगिक समानता की लड़ाई है. आज हमने उन जगहों को देखा जहां पुरुषों को जाने की इजाजत है, लेकिन महिलाओं के जाने पर पाबंदी है. दरगाह ट्रस्टी 15 दिनों के भीतर महिलाओं को वहां जाने की अनुमति दे, जहां पुरुषों को जाने की इजाजत है. ऐसा न करने पर हम प्रदर्शन करेंगे.”

तृप्ति व अन्य गैर सरकारी संस्थाओं ने 28 अप्रैल को हाजी अली फॉर ऑल बैनर तले आंदोलन शुरू किया था, जिसके बाद वह गुरुवार को हाजी अली दरगाह में प्रवेश करने में सफल रहीं.

उधर, दरगाह के ट्रस्टी ने दोहराया है कि महिलाओं को पीर हाजी अली बुखारी की मजार तक जाने की अनुमति देना ‘इस्लाम-विरोधी’ होगा और बचाने की मांग की, क्योंकि यह एक ‘अल्पसंख्यक ट्रस्ट’ है.

हाजी अली की दरगाह मुंबई के वरली तट के निकट एक छोटे से टापू पर है, जहां सभी धर्मो के लोग श्रद्धाभाव के साथ आते हैं.

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