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छात्रवृत्ति पाने वाले आदिवासियों की संख्या 5 साल में रह गई एक तिहाई

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने वाले आदिवासी बच्चों की संख्या पिछले पांच सालों में, पिछले साल एक तिहाई रह गई.

2019-20 में केंद्र सरकार से छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 1,41,727 थी. 2023-24 में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या केवल 43,995 रह गई.

राज्यसभा में जनजातीय कार्य मंत्री दुर्गादास उइके ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.

उन्होंने जानकारी दी कि राज्यों को उसी शैक्षणिक वर्ष में आवेदन आमंत्रित करने, सत्पादन करने और छात्रवृत्ति संवितरित करने की प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है.

मंत्री ने माना कि कई राज्यों में सत्यापन और पैसा वितरण करने की प्रक्रिया उसी शैक्षणिक वर्ष के दौरान पूरी नहीं होता है.

ऐसी स्थिति में इसे उत्तरवर्ती वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है.

इस आंकड़े के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना में छत्तीसगढ़ को 2853.46 लाख रुपये जारी किए थे.

इसका लाभ 1,41,727 बच्चों को मिला था.

2020-21 में यह रकम घट कर 2668.04 हो गया और लाभान्वित बच्चों की संख्या भी घट कर 1,32,420 हो गई.

2021-22 में केंद्र सरकार ने 2174.24 लाख दिए. इसका लाभ 1,29,615 बच्चों को मिला.

2022-23 में केंद्र सरकार ने मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी बच्चों के लिए 2393.01 लाख दिए.

इसका लाभ 28,479 बच्चों को मिला.

2023-24 में केंद्र सरकार ने महज 682.75 लाख रुपये ही जारी किए. इसका लाभ 43,995 बच्चों को मिला.

मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के लाभार्थियों की संख्या पिछले साल सबसे कम

मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 2019-20 में 1,43,746 थी.

जिसके लिए केंद्र सरकार ने 5710.43 लाख की रकम जारी की थी.

2020-21 में छात्रों की संख्या 1,02,501 और रकम 6023.73, 2021-22 में छात्रों की संख्या 1,67,525 और रकम 5119.26, 2022-23 में छात्रों की संख्या 1,16,619 और रकम 7305.66 थी.

शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार ने 4030.44 लाख रुपये जारी किया.

इसका लाभ 1,15,386 छात्रों को मिला.

पांच साल में केवल एक को विदेश जाने का लाभ

2019 से अब तक उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने के लिए राज्य सरकार छात्रवृत्ति देती हैं.

ऐसे छात्रों की बात करें तो इन 5 सालों में छत्तीसगढ़ में केवल 1 छात्र को इसका लाभ मिला है.

2019 से 2024 तक केवल 2021-22 में एक छात्र का चयन विदेश में अध्ययन के लिए हुआ, जिसे यह छात्रवृत्ति दी गई.

इन पांच सालों में पूरे देश से केवल 66 बच्चों को विदेशों में पढ़ने के लिए यह छात्रवृत्ति दी गई.

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