युवा जगत

ऊँचे पदों पर बैठे लोग ज्यादा सामाजिक

नई दिल्ली | एजेंसी: आम तौर पर यह माना जाता है कि जो लोग ऊंचे पद पर होते हैं, या सत्तारूढ़ होते हैं, वह जीवन में अकेले होते हैं. लेकिन एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यह बात पूरी तरह सच नहीं है. इसके विपरीत, ऊंचे पदों पर आसीन लोग अपने को दूसरे लोगों के ज्यादा करीब महसूस करते हैं, भले ही यह भाव उनके प्रति दूसरे लोगों में न हो.

अध्ययन के मुताबिक नजदीकी की भावना कुछ सत्तारूढ़ लोगों के आत्मविश्वास की वजह भी होती है.

हार्वर्ड विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक एमिली रटर को इस बात की जिज्ञासा थी कि सत्ता किस तरह दो लोगों के आपसी संबंध को प्रभावित करती है.

सत्ता के परिपेक्ष्य में दो मुख्य सिद्धांत काम करते हैं.

व्यवहारात्मक दृष्टिकोण सिद्धांत के मुताबिक ऊंचे पदों पर बैठे लोग जोखिम उठाने में आगे रहते हैं और दूसरे लोगों को उनके उद्देश्यों को साझा करने के लिए प्रेरित करते हैं.

दूसरी तरफ, समाजिक दूरी सिद्धांत के मुताबिक ऊंचे पदों पर बैठे लोगों को वास्तव में दूसरे लोगों से दूरी महसूस करना चाहिए.

रटर और उनके सहयोगियों ने अध्ययन के दौरान पहले तो प्रतिभागियों के विशेष गुण और ताकत को परखने के लिए उनसे कुछ सवाल पूछे. फिर उन्हें दूसरे लोगों से ऑनलाइन जुड़ने के लिए कहा.

अध्ययन के अंत में पता चला कि ऊंचे पदों पर बैठे लोग खुद को दूसरे लोगों के ज्यादा करीब महसूस करते हैं.

अध्ययन के नतीजों को हाल ही में टेक्सास के ऑस्टिन में सोसाइटी फॉर पर्सनालिटी एंड सोशल साइकोलॉजी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया.

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