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छत्तीसगढ़ के तोखन साहू मोदी मंत्रीमंडल में

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ से मोदी सरकार में संभावित मंत्रियों के सारे नाम धरे रह गए और पहली बार के सांसद, बिलासपुर के तोखन साहू बाजी मार ले गए. इससे पहले राज्य में कई नेताओं के नाम की चर्चा थी.

रविवार को नरेंद्र मोदी के शपथ की ख़बर के साथ ही छत्तीसगढ़ में इस बात की चर्चा शुरु हो गई थी कि राज्य से किस सांसद को जगह मिल सकती है.

सर्वाधिक प्रबल दावेदारों में रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल का नाम सबसे ऊपर था. माना जा रहा था कि आठ बार के विधायक मंत्री और इस बार पूरे राज्य में सर्वाधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले बृजमोहन अग्रवाल को मंत्रीमंडल में जगह ज़रुर मिलेगी.

इसके अलावा दूसरी बार के सांसद संतोष पांडेय, जिन्होंने राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हराया है, उन्हें भी मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है.

लेकिन इन नामों को किनारे कर दिया गया और तोखन साहू को मंत्री के लिए चुन लिया गया.

पंच से सांसद और अब मंत्री

वाणिज्य में स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले तोखन साहू अब से 30 साल पहले पहली बार पंच चुने गये थे.

बाद के दिनों में वे भाजपा में सक्रिय हुए. भाजपा में कई पदों पर काम करने के बाद 2013 में लोरमी विधानसभा से उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

साहू समाज में ठीक-ठाक हस्तक्षेप रखने वाले तोखन साहू को रमन सिंह सरकार में तब संसदीय सचिव भी बनाया गया था.

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तोखन साहू ने लोकसभा के ताज़ा चुनाव में, कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव को 1,64,558 मतों के अंतर से चुनाव हराया.

बिलासपुर लोकसभा की इस सीट पर तोखन साहू को 7,24,937 वोट मिले थे, जबकि देवेंद्र यादव को 5,60,379 वोट मिले थे.

बृजमोहन पर 13 दिसंबर भारी पड़ा?

बृजमोहन अग्रवाल के नाम को लेकर एक संशय था कि 13 दिसंबर 2000 को रायपुर में नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के समय तब के केंद्रीय पर्ववेक्षक नरेंद्र मोदी के साथ जो धक्का-मुक्की हुई थी और नेताओं को भाग कर, छुप कर जान बचानी पड़ी थी, उसके पीछे बृजमोहन अग्रवाल को जिम्मेवार माना गया था.

प्रेम प्रकाश पांडेय और बृजमोहन अग्रवाल समेत कई नेताओं को तब भाजपा से निलंबित किया गया था.

नरेंद्र मोदी तब कोई चर्चित नाम नहीं थे और ना ही सत्ता में थे लेकिन इस घटना को नरेंद्र मोदी ने गंभीरता से लिया था.

यहां तक कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते, नरेंद्र मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रुप में रायपुर आए थे, तब भी एयरपोर्ट पर इस घटना की चर्चा हुई. तब बृजमोहन अग्रवाल नरेंद्र मोदी के स्वागत में माला लिए खड़े थे.

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