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बेटी को बचाने तेंदुए से भिड़ गई मां

गरियाबंद|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक महिला अपनी घायल बच्ची को बचाने के लिए खूंखार तेंदुआ से भिड़ गई और उसे बॉलीबॉल के नेट में फंसा कर पकड़ भी लिया. ग्रामीणों का कहना है कि महिला की इस हिम्मत से बारूका गांव के लोगों को तेंदुआ के आतंक से छुटकारा मिल गया है. पिछले काफी दिनों से इस तेंदुआ के कारण गांव में दहशत थी. तेंदुआ ने आज ही गांव के दो लोगों पर हमला किया था.

गरियाबंद जिले के बारूका गांव में सोमवार को तेंदुआ ने दो लोगों पर हमला कर दिया था. पहली घटना गांव से महज आधा किलोमीटर दूर पर हुई थी.

बताया गया कि गांव के युवक मनहरण यादव पैरा लाने खेत गया था. वहां से वापस लौटते समय तेंदुआ ने उस पर हमला कर दिया.

युवक ने पैरे के बोझे को तेंदुआ पर फेंक कर अपनी जान बचाई. युवक के सिर, गले, नाक और हाथ में गंभीर चोट आई है. उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है.

युवक और मासूम बच्ची पर किया हमला

इसके बाद तेंदुआ गांव के अंदर घुस आया. यहां एक ढाई साल की बच्ची पर हमला कर दिया.

तेंदुए के हमले में घायल बच्ची भाग कर घर के अंदर घुस गई, जिससे उसकी जान बच गई.

लेकिन इसके बाद तेंदुआ बच्ची के घर के पास ही विचरण कर रहा था. जिसे घायल बच्ची की मां देख रही थी.

जैसी ही तेंदुआ घर के पास आया, बच्ची की मां ने हिम्मत दिखाई और वॉलीबॉल में उपयोग में की जाने वाली नेट से तेंदुए को फंसा दिया.

इसके बाद अन्य ग्रामीणों को उसने आवाज़ लगाई. बाद में ग्रामीणों ने तेंदुए को पकड़ लिया.

पकड़ने के बाद दी सूचना

तेंदुए को पकड़ने के बाद वन विभाग और पुलिस टीम को सूचित दी गई.

सूचना मिलते ही वन मंडल अधिकारी लक्ष्मण सिंह, एसडीओ मनोज चंद्रकार, वन विभाग के रेंजर और पुलिस मौके पर पहुंचे.

जिसके बाद तेंदुआ को पकड़ने बड़ी जाली मंगवाई गई.

बाताया गया कि बारूका गांव में पहले भी तेंदुआ के घूमने की घटनाएं सामने आती रही है. लेकिन किसी इंसान पर हमले का ये पहला मामला है.

तेंदुआ ने जिस जगह पर युवक पर हमला किया, उसी जगह पर वन विभाग ने दो साल पहले एक तेंदुए को जाल बिछाकर पकड़ था.

बारूका गांव चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है. बरसात के दिनों में यहां हाथियों की भी दहशत रहती है.

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