तृणमूल कार्यकर्ताओं ने चुनाव अधिकारी को पीटा
कोलकाता | एजेंसी: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कथित रूप से निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर हमला किया. जिले के अधिकारियों के मुताबिक, चुनाव अधिकारियों ने मालदा दक्षिण से तृणमूल प्रत्याशी मोअज्जिम हुसैन की रैली पर आपत्ति की, जिसके बाद उन पर हमला हुआ. चुनाव आयोग ने घटना के संबंध में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.
यह घटना जिले के मानिकचक इलाके में तब घटी जब चुनाव आयोग की टीम ने मोटरबाइक रैली पर आपत्ति जताई. मोटरबाइक रैली प्रतिबंधित है. जैसे ही अधिकारियों ने आपत्ति की, तृणमूल के कई कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी.
घटना की पुष्टि करते हुए मालदा के जिला दंडाधिकारी एस.के. द्विवेदी ने आईएएनएस से कहा, “इस बारे में प्रखंड विकास अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जा रही है और जो भी कसूरवार पाया जाएगा उसे दंड दिया जाएगा.”
हमले का शिकार बने अधिकारियों में से एक अजित दास ने कहा, “पार्टी कार्यकर्ताओं ने रैली के लिए पुलिस से अनुमति नहीं ली थी और रोके जाने के बावजूद करीब 250 से 300 बाइक रैली में शामिल किए गए थे. जब हमने उन्हें रोकने की कोशिश की तो तृणमूल के कई कार्यकर्ताओं ने हमला किया और हमें गालियां दी. यहां तक कि उन्होंने हमारा कैमरा भी तोड़ डाला. हम चुनाव आयोग के लिए काम करते हुए भयभीत हैं.”
चुनाव आयोग के विशेष कर्तव्य अधिकारी अमित राय चौधरी ने कहा, “हमने जिला दंडाधिकारी से रिपोर्ट मंगाई है. हमें उम्मीद है कि जल्दी ही रिपोर्ट आ जाएगी.”
कैमरे पर दिखाई देने के बावजूद हुसैन ने घटनास्थल पर मौजूद होने से इनकार किया है.
यह घटना तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक रैली में चुनाव आयोग से ‘अपमान’ का बदला लेने की बात करने के एक दिन बाद घटी है. आयोग ने राज्य सरकार को आठ अधिकारियों का तबादला करने को कहा था.
राज्य सरकार द्वारा तबादला आदेश पर अमल करने के बाद बुधवार को बनर्जी ने एक रैली में कहा था, “हमारे पुलिस अधीक्षकों और जिला दंडाधिकारियों का तबादला कराकर आपने जो हमारा अपमान किया है उसका बदला लिया जाएगा. लेकिन यह बैलेट के जरिए होगा न कि बुलेट के जरिए.”
कांग्रेस और मार्क्सावादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस घटना को लेकर बनर्जी की आलोचना की है और आयोग से उचित कार्रवाई करने की मांग की है.
माकपा नेता रोबिन देब ने कहा, “क्यों मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से चुनाव आयोग पर हमला करती हैं और बदले की बात करती हैं, इससे कार्यकर्ताओं को वैसा करने का बल मिलता है जैसा वे कर रहे हैं. यह शर्मनाक है.”
इससे पहले उत्तरी 24 परगना जिल में एक खंड विकास अधिकारी ने आरोप लगाया था कि बनर्जी का बैनर पोस्टर हटाने पर तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने उनपर हमला किया और अपमानित किया. हावड़ा में एक चुनावी टीम पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने तब हमला किया जब टीम पार्टी के झंडे उतार रही थी.