छत्तीसगढ़ में फिर एक बाघ का शिकार
रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में एक और बाघ मार डाला गया. बाघ का शव छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे हुये चौरादादर में मिला है. यह मध्यप्रदेश के डिंडौरी के करंजिया वन क्षेत्र का हिस्सा है.
आरंभिक तौर पर वन विभाग के सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार इस बाघ को बिजली का करंट लगा कर मारा गया है.विभाग के सूत्रों का दावा है कि बाघ ने छत्तीसगढ़ की सीमा से उस इलाके में प्रवेश किया था.
वन विभाग ने बाघ के शिकार के आरोप में चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं वन विभाग के अधिकारी मामले की जानकारी पूरी विवेचना होने के बाद देने की बात कह रहे है.
जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें चौरादादर के उमेश वालरे,पँखु सिंह, संतु सिंह, जगमोहन सिंगराम, भगवंता सिंह, सुखराम वालरे,पंडित वालरे,फूलसिंह शामिल हैं.
विवेचना के बाद वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत विभिन्न धारा पर अपराध दर्ज किया जायेगा.
वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने 33 के वी के.वी. लाइन से बाघ को मार कर, खाल निकाल ली. बाघ के चारों पंजे काट लिए और फिर शरीर को दफ़ना दिया.
बाघ की कमी से जूझते हुये छत्तीसगढ़ में शिकार की इस घटना पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने के लिये तैयार नहीं है.
छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या को लेकर पिछले कई सालों से सवाल उठते रहे हैं. अधिकांश मामलों में सरकारी आंकड़े झूठे साबित हुये हैं. ऐसी स्थिति में बाघों का लगातार शिकार ने इस राजकीय पशु के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिये हैं.
चार साल में 17 बाघों का शिकार
छत्तीसगढ़ में पिछले चार साल में 17 बाघ के खाल बरामद किये गये हैं. इसी तरह पिछले 10 सालों में तेंदुए की 51 खाल बरामद की गई है.
छत्तीसगढ़ के वाइल्ड एनिमल एंटी पोचिंग डेटाबेस के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014 से 2017 के मध्य 4 वर्षों में छत्तीसगढ़ में 17 बाघों की खालें जप्त की गईं. इसी प्रकार वर्ष 2006 से 2017 के मध्य 51 तेंदुओं की खालें जप्त करने व शिकार के प्रकरण दर्ज किए गए.
इनमें से 5 बाघों की खालें और 30 तेंदुओं की खालें कांकेर वन मंडल से बरामद की गई है.
गौरतलब है कि कांकेर वन मंडल उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है.
पिछले साल फरवरी में यहीं के बाघ की खाल बरामद हुई है.
*यह ख़बर अंतिम रुप से 21 फरवरी 2019 को रात 9:40 बजे अद्यतन की गई है.