कलारचना

रंगमंच आमजन के लिये नहीं: टिस्का

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: टिस्का चोपड़ा ने कहा रंगमंच आमजन के लिये नहीं है. अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा का कहना है कि रंगमंच बुद्धिजीवियों के लिए कला की झलकी है. यह आमजन के मनोरंजन के लिए नहीं है. टिस्का ने रंगमंच महोत्सव ‘खिड़कियां’ में कहा, “आमतौर से रंगमंच बुद्धिजीवियों के लिए है. यह आमजन के मनोरंजन के लिए नहीं है, लेकिन इसे अधिकतम 1,000-2,000 लोग देख सकते हैं. विचार में बदलाव लाने की दृष्टि से यह काफी असरदार है. यह हमेशा से आला दर्जे का कलारूप रहा है.”

टिस्का ने दिल्ली में अपने कॉलेज के दिनों में रंगमंच में काम किया था. इसके बाद वह मुंबई गईं, जहां उन्होंने नसीरुद्दीन शाह और फिरोज अब्बास खान जैसे रंगमंच कलाकारों से अभिनय सीखा. उन्होंने कई महत्वपूर्ण किरदारों से अपने अभिनय की छाप छोड़ी.

रंगमंच और फिल्मों के बीच अंतर के बारे में टिस्का ने कहा, “रंगमंच ऐसा मंच है, जहां आप सच सुनते हो जो शायद आप फिल्मों में न सुन पाएं.”

उन्होंने कहा, “रंगमंच में आप 70-90 मिनट तक प्रस्तुति देते हैं. आपकी आवाज अंतिम पंक्ति तक पहुंचती है, इसलिए यह जरूरी है कि आपकी आवाज में ताकत हो और यह आपकी याददाश्त तेज करती है और शरीर को भी चुस्त करती है. रंगमंच कलाकार हमेशा फिट रहता है. यह आपके शरीर को ही नहीं, बल्कि आपके दिमाग और कला को भी चुस्त रखता है.”

फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा, “फिल्मों में आप सुस्त होते हैं, क्योंकि इसमें आप थोड़ा धीरे काम करते हैं, इसमें कई कट होते हैं क्योंकि आखिर में इसे अच्छा दिखना होता है, लेकिन असल जिंदगी में रंगमंच ही अच्छा है.”

गे निर्देशक अभिनेत्रियों के लिये राहत: टिस्का

बालीवुड में ‘मर्दखोर’ निर्देशक भी हैं: टिस्का

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!