शिक्षक हड़ताल पर, कई स्कूलों में लटकते रहे ताले
रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के करीब 1 लाख 80 हजार शिक्षक अपनी पांच सूत्रीय मांगों के लेकर गुरुवार को हड़ताल पर रहे.
इस दौरान शिक्षकों ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया.
शिक्षकों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई. कुछ स्कूलों में तो तालाबंदी जैसी स्थिति रही.
अपनी मांगों को लेकर शिक्षक चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. आज का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले हुआ.
मोर्चा के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र दुबे ने बताया कि शिक्षक अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. इससे पहले भी कई बार शिक्षक प्रदर्शन कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव के समय मोदी की गारंटी के तहत जो वादे किए थे उसे पूरा करना चाहिए. लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, जिस वजह से हमें बार-बार धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
नवंबर माह में चरणबद्ध आंदोलन
वीरेन्द्र दुबे ने बताया कि अब 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेशभर के शिक्षक फिर आंदोलन करेंगे.
इसके बाद 11 नवंबर को शिक्षक फिर जुटेंगे और छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंड में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम, बीईओ और तहसीलदार को ज्ञापन सौपेंगे.
फिर 12 से 24 नवंबर तक मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री, सांसद, विधायक, जिला-जनपद और पंचायत स्तर के जन प्रतिनिधियों को पुरानी सेवा गणना की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे.
इसके बाद 25 नवंबर को मोर्चा के प्रदेश भर के पदाधिकारी रायपुर के इंद्रावती महानदी भवन तक पैदल मार्च कर मंत्रालय में मांग पत्र देंगे.
ये हैं शिक्षकों की मांग
शिक्षकों की पांच सूत्री मांग है कि सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर एलबी संवर्ग को कमोन्नत वेतनमान दिया जाए. इसके अलावा पुररीक्षित वेतनमान में सही वेतन का निर्धारण कर 1.86 के गुणांक पर वेतन निर्धारण करें.
शिक्षकों की मांग है कि पूर्व सेवा अवधि की गणना कर पुरानी पेंशन निर्धारित कर 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष किया जाए. साथ ही हाईकोर्ट बिलासपुर के तहत सभी पात्र शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति समयमान का आदेश जारी किया जाए.
शिक्षकों ने मांग की है कि केन्द्र के समान महंगाई भत्ता को एरियस राशि का समायोजन जीपीएफ और सीजी पीएफ खाते में किया जाए.